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जनभराव से हुई ताबाही का खामियाजा कौन देगा, सरकार जवाब दे:- डा सुशील गुप्ता

चंडीगढ: 15 जुलाई, मानसून की बारिश से भले ही लोगों को गर्मी से राहत मिली हो। मगर दूसरी तरफ हरियाणा में शहर से लेकर गांवों तक की जलनिकासी के सभी इंतजामों की पोल खोल कर रख दी है। हालात यह थे कि लोग बारिश से तो खुश दिखाई दिए, मगर अपने घरों तक पहुंचने में लगे कई घंटो के कारण वह प्रदेश सरकार को कोसते रहे।  प्रदेश मंे किसी भी अंडर पास में पानी निकाली का इंतजाम ना होने के कारण पानी से हुए जल भरवा को देखा जा सकता है। यह जनता के पैसों की बर्बादी को दर्शाता है। यह कहना है आम आदमी पार्टी के सांसद व प्रदेश सहप्रभारी डा सुशील गुप्ता का।
डा गुप्ता ने कहा कि हरियाणा के हर शहर व गांवों में जल निकासी के पर्याप्त इंतजाम न होने के कारण सड़कों, गलियों के अलावा बाजारों व घरों में जलभराव जैसी स्थिति बन गई। सीवर ओवरफ्लो होने के कारण गंदा पानी सड़कों पर बहने लगा।
उन्होंने कहा कि बताया यह जा रहा है बरसाती पानी की निकासी के लिए विभिन्न जिलों में 92 ड्रेन हैं और बरसाती पानी लिफ्ट करने के लिए करीब 104 डीजल व 109 बिजली के पंप हैं। इसके बावजूद शहर में जगह-जगह जलभराव की स्थिति बन गई है। यह पैसो की बर्बादी नहीं तो और क्या है।
डा गुप्ता ने कहा यह तो केवल एक दिन की बारिश में प्रदेश के विभिन्न स्थानों का हाल है। यहीं नहीं इस भराव के चलके कई शहरों में तो पब्लिक हेल्थ का सर्कल ऑफिस कार्यालयों को भी इससे अछूते नहीं रहें। वहीं व्यवापारियों और छोटे व बडे दुकानदारों को जो नुकसान हुआ, उसका खामियाजा कौन देगा, इसका जवाब खटटर सरकार को देना चाहिए।  
हरियाणा सहप्रभारी डा गुप्ता ने कहा कि करोडों रूपयों से शहरों में अंडर पास बनाए गए, हाईवे के साथ पानी की निकासी के लिए इंतजाम किए गए। मगर जैसे ही बारिश आई सारे इंतजाम धरे रह गए। बारिश पानी के निकासी का कार्य केवल और केवल कागजों में किया गया है। एक ही बारिश में शहर और गांवों को कैसे जनमग्न कर दिया, इसका जीता जागता सबूत हैं, इसकी भी जांच की जानी चाहिए । दूसरा यह फिर से ना देखने को मिले इसके लिए प्रदेश सरकार को पहले से बेहतर तैयारी कर उचित प्रबंध करनें होगे।    

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