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24,000 किलोग्राम प्लास्टिक से बनीं 12 बेंच, जो मानव रचना और सरकारी स्कूल में स्थापित की गईं

* 10,000 किलोग्राम प्लास्टिक से बनीं 100 से अधिक टी-शर्ट्स और 4 कचरेदान, ‘प्रोजेक्ट रिबॉर्न’ के तहत 5 महिलाओं को आर्थिक सहयोग के साथ

पंकज अरोड़ा की रिपोर्ट/फरीदाबाद: अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग्स फ्री डे के अवसर पर मानव रचना एजुकेशनल इंस्टिट्यूशंस (MREI) की सामाजिक इकाई डॉ. ओ. पी. भल्ला फाउंडेशन ने यह साझा किया कि संस्था अब तक कुल 34,000 किलोग्राम प्लास्टिक कचरे को रीसायकल कर चुकी है। यह उपलब्धि फाउंडेशन की सतत पर्यावरणीय पहलों का परिणाम है, जो वर्ष 2023 से विभिन्न कार्यक्रमों और अभियानों के माध्यम से चल रही है।

इस प्रयास के तहत 24,000 किलो प्लास्टिक को 12 पार्क बेंचों में बदला गया है, जिन्हें मानव रचना और सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, भांखरी में स्थापित किया गया है। वहीं, लक्षय फाउंडेशन के सहयोग से प्रोजेक्ट रिबॉर्न के तहत 10,000 किलो प्लास्टिक से 100 से अधिक टी-शर्ट्स और 4 कचरेदान तैयार किए गए हैं।

यह पहल सोशल इंटर्नशिप प्रोग्राम 2023 के अंतर्गत शुरू हुई थी, जिसमें एमआरआईएस सेक्टर-14, फरीदाबाद के छात्रों ने हिस्सा लिया। यह कार्यक्रम हरियाणा सरकार के पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन एवं वन मंत्रालय द्वारा समर्थित है। परियोजना की शुरुआत एक कॉपीराइटेड वेस्ट सेग्रीगेशन इनिशिएटिव से हुई, जिसके तहत ई-हैंडबुक और जागरूकता अभियान सोशल मीडिया व व्हाट्सएप के माध्यम से चलाए गए।

इसके बाद एक संरचित प्लास्टिक संग्रह अभियान शुरू हुआ। पुनः उपयोग योग्य प्लास्टिक को इकट्ठा कर प्रोसेस किया गया और इसका उपयोग बेंच, टी-शर्ट्स और कचरेदान जैसे उपयोगी उत्पादों में किया गया।

प्रोजेक्ट रिबॉर्न के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की 5 महिलाओं को प्रशिक्षण देकर इस प्रक्रिया में जोड़ा गया, जिन्होंने टी-शर्ट्स की बिक्री से प्रति व्यक्ति ₹20,000 तक की आय अर्जित की। साथ ही, कचरा संग्रह और छंटाई में लगे कर्मचारियों को भी प्रोत्साहन दिया गया। 30 टी-शर्ट्स सरकारी बॉयज़ हॉस्टल, एनआईटी फरीदाबाद में बच्चों को भेंट की गईं।

मानव रचना में लगाए गए जागरूकता स्टॉल पर छात्रों और आगंतुकों ने इन पहलों से जुड़ी जानकारी प्राप्त की। स्टॉल पर ₹12,000 की बिक्री भी हुई, जिसे भविष्य की परियोजनाओं में उपयोग किया जाएगा।

इस पहल के माध्यम से प्लास्टिक कचरे को लैंडफिल में जाने से रोका गया और अनुमान के मुताबिक करीब 15 मीट्रिक टन CO₂ उत्सर्जन को भी टालने में सफलता मिली है।

*डॉ. ओ. पी. भल्ला फाउंडेशन के बारे में:*

डॉ. ओ. पी. भल्ला फाउंडेशन, मानव रचना शैक्षणिक संस्थानों की सामाजिक विकास शाखा है, जिसकी स्थापना शिक्षाविद और समाजसेवी डॉ. ओ. पी. भल्ला की स्मृति में की गई थी। यह फाउंडेशन शिक्षा, पर्यावरण, स्वास्थ्य, कौशल विकास और समुदाय सशक्तिकरण जैसे प्रमुख क्षेत्रों में कार्य करता है। अपने सतत जनसंपर्क कार्यक्रमों, रणनीतिक भागीदारी और जमीनी स्तर की पहलों के माध्यम से यह समावेशी अवसरों का निर्माण कर, सतत विकास को बढ़ावा देने का प्रयास करता है।

अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट पर जाएं: https://dropbhallafoundation.org

*MREI के बारे में:*

1997 में स्थापित, मानव रचना शैक्षणिक संस्थान (MREI) शिक्षा में उत्कृष्टता का प्रतीक हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट शिक्षा प्रदान करते हैं। 41,000 से अधिक पूर्व छात्र, 135+ वैश्विक शैक्षणिक सहयोग और 80+ नवाचार और ऊष्मायन उद्यमों के साथ, MREI प्रमुख संस्थानों का केन्द्र है, जिसमें मानव रचना विश्वविद्यालय (MRU), मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज (MRIIRS) – NAAC A++ मान्यता प्राप्त, और मानव रचना डेंटल कॉलेज (MRIIRS के तहत) – NABH मान्यता प्राप्त हैं। MREI भारत भर में 12 स्कूल भी संचालित करता है, जो भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय पाठ्यक्रम जैसे IB और कैम्ब्रिज प्रदान करते हैं। MRIIRS को QS 5-स्टार रेटिंग्स मिली हैं, जिनमें शिक्षण, रोजगार, अकादमिक विकास, सुविधाएं, सामाजिक ज़िम्मेदारी और समावेशिता शामिल हैं। MRIIRS हाल ही में NIRF रैंकिंग 2024 में शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों की सूची में 92वें स्थान पर पहुंचा और डेंटल श्रेणी में 38वें स्थान पर था।

अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट पर जाएं: https://manavrachna.edu.in/

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