खबरेंNcr रिपोर्टर पंकज अरोड़ा
अपनी जमीन पर मोबाइल टावर लगवाने वाले व्यक्ति को हर महीने ₹50000 तथा एक व्यक्ति को रखरखाव के लिए नौकरी देने का देते थे लालच
आरोपियों के कब्जे से वारदात में प्रयोग 7 मोबाइल फोन, 07 सिम, 1 लेपटॉप, 1 एटीएम कार्ड व 41200 रुपए नगद बरामद
फरीदाबाद: डीसीपी सेंट्रल पूजा वशिष्ठ के निर्देश तथा एसीपी साइबर अभिमन्यु गोयत के मार्गदर्शन तहत कार्रवाई करते हुए साइबर थाना सेंट्रल प्रभारी सतीश कुमार व उनकी टीम ने आरोपियों द्वारा लोगों को झांसा देकर मोबाइल टावर लगवाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
एसीपी साइबर अभिमन्यु गोयत ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में विक्रांत, प्रदीप, रिशाल तथा अजीत का नाम शामिल है। आरोपी विक्रांत दिल्ली के विजय विहार, प्रदीप हिसार जिले के हांसी, आरोपी रिशाल तथा अजीत यूपी के बुलंदशहर एरिया के रहने वाले हैं। आरोपी मोबाइल टावर लगाने के नाम पर लोगों के साथ धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम देते हैं। आरोपी गूगल पर अपना फर्जी विज्ञापन डालते हैं जिसमें वह बताते हैं कि यदि कोई भी व्यक्ति अपनी जमीन पर जिओ कंपनी का 5G मोबाइल टावर लगवाता है तो उसे ₹50000 हर महीना दिया जाएगा और इसके साथ ही टावर के रखरखाव के लिए एक व्यक्ति को नौकरी दी जाएगी। विज्ञापन को देखकर कई लोग इसके लालच में आ जाते हैं और साथ ही नौकरी की बात सुनकर उन्हें यह आश्वासन मिल जाता है कि उनकी जॉब गारंटी पक्की हो गई है क्योंकि जब तक मोबाइल टावर रहेगा तब तक उन्हें घर बैठे नौकरी मिलेगी। यह सोचकर कुछ व्यक्ति उनके द्वारा दिए गए विज्ञापन पर क्लिक करते हैं जिससे एक https://www.hindustantowersgroup.com नाम से वेबसाइट खुलती है जिसपर व्यक्ति अपनी डिटेल डालता है तो उसकी ईमेल आईडी, फोन नंबर सब कुछ आरोपियों के पास पहुंच जाता है जिसके पश्चात आरोपी उसे संपर्क करते हैं और उसके साथ बातचीत करके उसे बड़े-बड़े सपने दिखाते हैं और अपनी ईमेल आईडी [email protected] से कुछ फर्जी कागजात बनाकर उस व्यक्ति को भेजते हैं जिससे उसे आरोपियों पर पूरा भरोसा हो जाता है और जब वह व्यक्ति अपनी जमीन पर मोबाइल टावर लगवाने की सहमति प्रदान कर देता है तो उसके पश्चात आरोपियों का खेल शुरू होता है और वह अलग-अलग बात का बहाना बनाकर उस व्यक्ति से पैसे ऐंठते हैं। आरोपी इंक्वायरी की बात कहकर फाइल चार्ज के नाम पर या जमीन का सेटेलाइट द्वारा निरीक्षण करने के नाम पर या जमीन का इंश्योरेंस करवाने के नाम पर या टावर लगवाने के चार्ज के नाम पर अलग-अलग बहाने बनाकर पैसे ठगते हैं। आरोपियों द्वारा रचे गए इस षड्यंत्र में कुछ भोले भाले लोग झांसे में आ जाते हैं और वह ठगों को अपने पैसे दे बैठते हैं। इसी प्रकार का झांसा देकर आरोपियों ने फरीदाबाद के रहने वाले एक व्यक्ति के साथ अलग-अलग बात का बहाना बनाकर ₹68000 ठग लिए। पीड़ित को जब उसके साथ हुई ठगी के बारे में पता चला तो उसने इसकी शिकायत साइबर थाने में दी थी इसके पश्चात थाने में षड्यंत्र व धोखाधड़ी की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करके मामले में जांच शुरू की गई।
पुलिस ने मामले में आगे कार्रवाई करते हुए आरोपियों की धरपकड़ के लिए टीम का गठन किया जिसमें उपनिरीक्षक बाबूराम, एएसआई धर्मेंद्र सिंह, मुख्य सिपाही देवेंद्र कुमार, सिपाही कर्मबीर, संदीप तथा शमशेर का नाम शामिल था। पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों को 11 व 13 जुलाई को दिल्ली, हांसी तथा बुलंदशहर एरिया में दबिश देकर उन्हें काबू कर लिया। आरोपियों के कब्जे से वारदात में प्रयोग 7 मोबाइल फोन, 07 सिम, 1 लेपटॉप, 1 एटीएम कार्ड व 41200 रुपए नगद बरामद किए गए। आरोपियों को अदालत में पेश करके पुलिस रिमांड पर लिया गया जिसमें पुलिस पूछताछ में सामने आया कि इस गिरोह का सरगना आरोपी विक्रांत है। आरोपी रिशाल तथा अजीत इन्हें फर्जी सिम कार्ड और बैंक खाते उपलब्ध करवाते हैं वहीं आरोपी प्रदीप इनकी वेबसाइट मैनेज करता है। पुलिस रिमांड पूरा होने के पश्चात आरोपियों को अदालत में पेश करके जेल भेज दिया गया है।