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मानव रचना यूनिवर्सिटी, द्वारा सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का भव्य आयोजन

पंकज अरोड़ा की रिपोर्ट/फरीदाबाद: मानव रचना यूनिवर्सिटी, फरीदाबाद द्वारा सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का भव्य आयोजन किया गया जिसमें स्कूल ऑफ लॉ, मानव रचना यूनिवर्सिटी द्वारा 16 से 22 जून 2025 तक सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (IFDP) का सफल आयोजन किया गया। यह वैश्विक शैक्षणिक पहल कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), साइबर कानून, साइबर सुरक्षा और बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) के उभरते हुए जटिल पहलुओं पर केंद्रित थी, जिसमें डिजिटल युग की कानूनी, नैतिक और नीतिगत चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया गया। उद्घाटन सत्र में कार्यक्रम का शुभारंभ प्रोफेसर (डॉ.) दीपेन्द्र कुमार झा, कुलपति, मानव रचना यूनिवर्सिटी द्वारा किया गया जिन्होंने तकनीकी नवाचार में नैतिक रूपरेखा की आवश्यकता पर बल दिया। इसके उपरांत प्रोफेसर (डॉ.) आशा वर्मा, डीन, स्कूल ऑफ लॉ ने बहुविषयक शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया।

सप्ताह भर चले इस कार्यक्रम में देश-विदेश के अनेक ख्यातिप्राप्त विशेषज्ञों ने अपने विचार प्रस्तुत किए: गुरजोत सिंह (भारत), प्रो. (डॉ.) विजय कुमार सिंह (भारत), डॉ. पवन दुग्गल (भारत), डॉ. म्युंघून रो, साल्व रेजिना यूनिवर्सिटी (संयुक्त राज्य अमेरिका), डॉ. डिएगो गोमेज बाया, यूनिवर्सिडाड डी हुएलवा (स्पेन), डॉ. क्षितिज सिंह (भारत), कार्तिकेय रमन (भारत), डॉ. दीपा खर्ब (भारत), विनय कुमार खन्ना (भारत), प्रो. (डॉ.) मेंसुत एडेमी, एएबी यूनिवर्सिटी (कोसोवो गणराज्य), प्रो. असि. डॉ. वेटॉन वुला, एएबी यूनिवर्सिटी (कोसोवो गणराज्य), एडवोकेट दीप्ति लाव्या स्वैन (भारत), डॉ. राघवेंद्र जी.आर. (भारत), प्रो. डॉ. जांग मुक कांग, डोंगगुक यूनिवर्सिटी एवं कोरिया इंटेलिजेंट रोबोटिक्स कंपनी (दक्षिण कोरिया), लेफ्टिनेंट कर्नल रोबर्टो डोनाटो, ब्रिगाडा मिलिटार (ब्राजील), डॉ. अमित मेहरोत्रा (भारत), कैसियो एडुआर्डो ज़ेन, ब्राज़ीलियन बार (ब्राजील) और प्रो. (डॉ.) दीवान्शु श्रीवास्तव (भारत)। सत्रों में एआई गवर्नेंस, डेटा प्राइवेसी, साइबर सुरक्षा, मानवाधिकार और न्यायपालिका की बदलती भूमिका जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विचार प्रस्तुत किए गए।

कार्यक्रम समापन सत्र में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति यू.यू. ललित ने न्यायिक पारदर्शिता, निष्पक्षता और तकनीकी परिवर्तनों के बीच न्याय तक पहुंच के महत्व पर प्रकाश डालते हुए प्रतिभागियों को प्रेरित किया। कार्यक्रम का उत्कृष्ट समन्वय डॉ. सुपर्णा वेनाइक एवं डॉ. हर्षिता सिंह (एसोसिएट प्रोफेसर, स्कूल ऑफ लॉ) द्वारा किया गया। इनके साथ शोधार्थी नेहा तिवारी, अनमोल अरोड़ा, हितिका सिंह, तानी गांगुली एवं अंकुर शर्मा के समर्पित प्रयासों से यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

धन्यवाद ज्ञापन में प्रो. (डॉ.) रूचि लाल, एचओडी, स्कूल ऑफ लॉ ने इस कार्यक्रम के पीछे की दूरदर्शिता एवं समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे वैश्विक शैक्षणिक मंच न केवल ज्ञान का विस्तार करते हैं, बल्कि युवा कानूनी मस्तिष्कों को नैतिक नेतृत्व, वैश्विक दृष्टिकोण और नवाचार के साथ डिजिटल युग की जटिलताओं का उत्तरदायी समाधान करने हेतु सक्षम बनाते हैं। यह कार्यक्रम मानव रचना यूनिवर्सिटी की वैश्विक अकादमिक उत्कृष्टता और परिवर्तनकारी विधि शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

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