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स्वामी दयानंद सरस्वती ने समाज में व्याप्त अंधविश्वास और रूढियों को खत्म करने में अहम योगदान दिया

खबरें NCR. रिपोर्टर: पंकज अरोड़ा फरीदाबाद:05 मार्च, महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती के उपलक्ष्य में सालभर चलने वाले आयोजनों की श्रंखला में आर्य समाज मंदिर नंबर 4 में अपने संस्थापक सदस्य स्व. बलदेव राज अरोड़ा की पावन जयंती पर आर्य कवि सम्मेलन, भक्ति एवं राष्ट्रगीतों के कार्यक्रम आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ यज्ञ हवन से किया गया जिसमें आहुति डालकर सर्व समाज के कल्याण की कामना की गई। तत्पश्चात श्रुति सेतिया ने महर्षि दयानंद को समर्पित मधुर भजनों से सब का मन मोह लिया।

इस कार्यक्रम में विश्व विख्यात और राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित देवेन्द्र कुमार, ओजस्वी कवि धर्मेंश अविचल ने महर्षि को समर्पित और देश प्रेम से ओतप्रोत कविता पाठ किया।
प्रधान कर्मचंद शास्त्री ने स्व. बलदेव राज अरोड़ा को श्रद्धासुमन अर्पित कर उनके आर्य समाज और सामाजिक योगदान को स्मरण किया। मंच संचालन महामंत्री योगेंद्र फोर ने किया और उपस्थित कविगणों और सब आर्य जनों का धन्यवाद किया।


इस अवसर पर कुलभूषण सखूजा, पंडित जयदेव शर्मा, विकास भाटिया, वसु मित्र सत्यार्थी, कुलदीप गोयल, संजय सखूजा, मनोज वोहरा, मनोज कुमार, नरेश मोंगा, एस पी अरोडा़, जोगेन्दर कुमार, देवेंद्र अरोड़ा, विनय अरोड़ा, रमेश मल्होत्रा, विजय कपूर, यज्ञानंदा, अर्चना, ऊषा चितकारा, प्रोमिला अरोड़ा, सरिता, पूनम, कौशल वोहरा, शीला देवी, नर्वदा शर्मा, सरला देवी उपस्थित रह।

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