पंकज अरोड़ा की रिपोर्ट फरीदाबाद: 06 अक्टूबर, सैक्टर 12 टाऊन पार्क के सामने वाले ग्राउंड में चल रही श्री श्रद्धा रामलीला के दूसरे दिन मंच पर राम और लक्ष्मण का मारीच व सुबाहु के साथ युद्ध का दृश्य दिखाया गया जिसमें सुबाहु को युद्ध में मार गिराया गया और मारीच को श्रीराम द्वारा एक ही बाण से 100 योजन दूर समुद्र पार जाकर गिरना।
महर्षि विश्वामित्र के कहने पर श्रीराम द्वारा अहिल्या का उद्धार करना तत्पश्चात सीता स्वयंवर जैसे प्रसंग पर दर्शकों ने खूब वाहवाही की।
जिसमें लक्ष्मण के संवाद ने पूरा वातावरण शांत हो गया जो इस प्रकार है।
ऐ सूर्य वंश के आफ़ताब, मैं करता कुछ अभिमान नहीं ।
लेकिन ये मेरी आदत है, सह सकता जाति अपमान नहीं ।।
भरी सभा में मिथिलापति, ये क्या हैं शब्द उच्चार रहे ।
इस बोदे पुराने धनुष पर, क्यों इतना अंहकार रहे ।।
तोड़ सका न धनुष मैं, आज अगर रघुनाथ ।
कसम मुझे प्रभु चरणों की, धरूँ न धनुष पर हाथ ।।
रामलीला कमेटी के निर्देशक अनिल चावला के निर्देशन में राजा दशरथ के दरबार में श्रीराम को राजा बनाने की घोषणा करना जिससे मंथरा और महारानी कैकेई का संवाद लोगों को बहुत पंसद आया।
इसके बाद रानी कैकेई का कोप भवन में जाना और राम को वन भेजने का वचन राजा दशरथ से लेना, इस प्रसंग को सुन लोगों का मन भर आया। जिसमें राजा दशरथ कहते है।
रानी हमें है लाज गर, रघुकुल के नाम की ।
तो प्रण किये निभायेंगे, सौगन्ध राम की ।।
फ़िज़ायें देखती हैं, देखते हैं महल ये सारे ।
ज़मी आकाश पर्वत, साक्षी हैं चान्द और तारे ।।
कहा है जो ज़ुबां से, आखरी वो ही वचन होगा ।
कसम है राम की, दशरथ नहीं मिथ्या कथन होगा ।।
दाग रघुकुल वंश के, दामन पर न आयेगा कभी ।
प्राण जायेंगे वचन, न जाने पायेगा कभी ।।
दशरथ के यह संवाद सुन कर रानी कैकेई कहती है
रानी हमें है लाज गर, रघुकुल के नाम की ।
तो प्रण किये निभायेंगे, सौगन्ध राम की ।।
फ़िज़ायें देखती हैं, देखते हैं महल ये सारे ।
ज़मी आकाश पर्वत, साक्षी हैं चान्द और तारे ।।
कहा है जो ज़ुबां से, आखरी वो ही वचन होगा ।
कसम है राम की, दशरथ नहीं मिथ्या कथन होगा ।।
दाग रघुकुल वंश के, दामन पर न आयेगा कभी ।
प्राण जायेंगे वचन, न जाने पायेगा कभी ।।
इसके बाद राजा दशरथ के दरबार में राम,सीता और लक्ष्मण वन को प्रस्थान कर जाते है।
आपको बता दे कि श्रद्धा रामलीला की स्टार कास्ट में कुछ न कुछ बदलाव होता रहा हैं जिससे दर्शकों को हमेशा कुछ नया दिखलाने की कौशिक रहती है, इस बार जो किरदार है वो इस प्रकार है: राम के किरदार में कुनाल चावला, सीता का रोल योगंधा वशिष्ठ, लक्ष्मण के किरदार में साहिब खरबंदा, दशरथ का रोल अजय खरबंदा जो पहले से निभाते आ रहे है, कैकेई का मोनिक भाटिया, मंथरा के रोल में पायल साही, रावण का किरदार श्रवण चावला, जो हमेशा चर्चा में रहते है।
इस रामलीला की एक बात खास है कि जो भी किरदार है वह उसी रोल में करते है जैसे पुरुष का रोल पुरुष करेगा और स्त्री का रोल स्त्री ही करेगी।
अहिल्या का किरदार रूशाली ग्रोवर, मारीच का दीपक मदान सुबाहु का विक्की सहगल, महर्षि विश्वामित्र का परविंदर राजपाल, राजा जनक का मोहित वशिष्ठ, बणासुर का रोहताश सैनी तो वंही आर्य सुमंत का किरदार जितेन्द्र निभा रहे है।