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आर्य समाज स्थापना दिवस व नव संवत्सर पर हुआ 77 कुण्डीय महायज्ञ का भव्य आयोजन

पंकज अरोड़ा की रिपोर्ट फरीदाबाद- 26 मार्च, नवसंवत्सर के शुभारंभ, महर्षि दयानन्द सरस्वती जी की 200वीं जन्म जयंती और आर्य समाज की 150वीं वर्षगांठ तथा साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए पूर्ण और सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान – पद्मश्री से सम्मानित, महात्मा आनंद स्वामी के प्रख्यात पोते, एक प्रख्यात शिक्षाविद् तथा डीएवी मैनेजिंग कमेटी के प्रधान डॉ. पूनम सूरी के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में डीएवी पब्लिक स्कूल सैक्टर 49, सैनिक कालोनी में यज्ञ ब्रह्म धर्मवीर शास्त्री, भूदेव शास्त्री, विश्वास शास्त्री, रामपुकार द्वारा 77 कुंणीय यज्ञ करवाया गया।

सर्वप्रथम ईश्वरस्तुतिप्रार्थना उपासना के वैदिक मत्रों से नव संवत्सर मंगलमय हो इसकी प्रार्थना की गई । तत्पश्चात स्वस्तिवाचन के मंत्र से सारे जगत के कल्याण के कामना की गई। इसके बाद वेद मंत्रों से सब लोगों ने आहुति प्रदान की ।

यज्ञ में विद्यालय के प्रधानाचार्य, अध्यापकों, अध्यापिकाओं, विद्यार्थीओ एवं कर्मचारियों के अतिरिक्त विभिन्न आर्य समाजों व सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। यज्ञ के बाद नवसंवत्सर के वैज्ञानिक महत्व से सभी को परिचित करवाया गया। यज्ञ में सभी ने आहुतियां डालने के बाद सभी को आर्य बनाने के लगातार प्रयास के संकल्प दोहराया।

मुख्य अतिथि सियोगिता शर्मा डायरेक्ट मानव रघना ने बताया कि आर्य समाज की स्थापना 1875 में मुंबई में की गई थी । जिसका मुख्य उद्देश्य वेदों का प्रचार जन-जन तक वेदों को ज्ञान को पहुंचाना एवं सनातन वैदिक संस्कृति से सबको अवगत कराना था । जो लोग अपने संस्कृति से दूर हो रहे थे उसे पुनः वैदिक धर्मी बनाना था । इसके लिए उन्होंने वेदों की ओर लौटो का नारा दिया । आज हम सब समाज के सभी वर्गों तक स्वामी दयानंद के संदेश को पहुंचने का कार्य करें । इसी के लिए स्वामी दयानंद ने आर्य समाज की स्थापना की थी।

विशिष्ट। अतिथि सीमा त्रिखा(पूर्व शिक्षा मंत्री ) हरियाणा सरकार ने नवसंवत्सर के शुभारंभ सबको शुभकामनाएं देते हुएज्ञकहा कि भारतीय नव वर्ष जो है वह वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर भी सही है इस समय प्रकृति में सब कुछ नया हो जाता है सारी पृथ्वी के पेड़ नए पत्तों से सज जाते हैं नए फूल लग जाते हैं नए फल आ जाते हैं यह नववर्ष प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में एक नई उमंग भर देता है किसानों के घरों में नई फसल आ जाती हैं । भारत के विभिन्न प्रदेशों में इस नव वर्ष को लोग अलग-अलग नाम से जानते हैं हम सब को यह नव वर्ष हर्षो उल्लास के साथ मनाना चाहिए।

डीएवी पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य राजन गौतम ने भव्य आयोजन में भाग लेने के लिए सबका धन्यवाद करते हुए नवसंवत्सर की शुभकामनाएं दी

कार्यक्रम में पुनीत भाटिया ,वसु मित्र सत्यार्थी, जितेंद्र सरल, सागर वर्मा ,विनय शर्मा, कुलभूषण सखुजा, कर्मचंद शास्त्री, सुरेश‌ गुलाटी व विभिन्न आर्य समाज के पदाधिकारी आदि उपस्थित रहे।

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