पंकज अरोड़ा की रिपोर्ट/फरीदाबाद: आर्य समाज एन एच 3 के तत्वाधान में आयोजित चार दिवसीय 74वें वार्षिकोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत आर्य समाज एन एच 3 में यज्ञ एवं आध्यात्मिक सत्संग, महिला सम्मेलन, एन एच 3 एफ ब्लॉक में पारिवारिक सत्संग, डी ए वी पब्लिक स्कूल, सैक्टर 49 व एन एच 3 में वैदिक संस्कार सत्संग, एकम् पार्क सैक्टर 21 डी में वैदिक सत्संग का आयोजन किया गया।

आर्य समाज एन एच 3 में वार्षिकोत्सव के समापन समारोह के अवसर पर यज्ञ ब्रह्मा आचार्य डॉ० सुश्रुत सामश्रमी तथा पुरोहित आचार्य विवेक दीक्षित द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ 51 कुण्डीय वृहद् यज्ञ संपन्न करवाया।

इस यज्ञ में बड़ी संख्या में संख्या में युवा, वृद्ध और महिलाओं सहित सभी वर्ग के लोगों ने भाग लिया। यज्ञ स्थल पर श्रद्धा और आस्था देखते ही बनती थी तथा सारा वातावरण वैदिक मंत्रों से गुंजायमान हो उठा। इस यज्ञ में समाज में सद्भाव, एकता और जागरूकता का संदेश दिया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य “युग निर्माण” की भावना को फैलाना था।

यज्ञ ब्रह्मा आचार्य डॉ० सुश्रुत सामश्रमी ने यज्ञ का महत्व बताते हुए कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती ने यज्ञ को ‘आर्यों के आवश्यक दैनिक पांच कर्तव्यों’ में से एक माना है और इसे सिर्फ एक अनुष्ठान से कहीं बढ़कर जीवन का एक संपूर्ण तरीका बताया है। उन्होंने यज्ञ को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति का एक माध्यम माना, जिसमें वायुमंडल शुद्धि, स्वास्थ्य विज्ञान और आत्म-शुद्धि शामिल हैं।

तत्पश्चात प्रसिद्ध भजनोपदेशक आचार्य प्रदीप शास्त्री द्वारा अपने मधुर भजनों के माध्यम से ईश्वर को समर्पित भजन तथा महर्षि दयानंद के भजनों की प्रस्तुति दी गई है, जिसमें उनके जीवन और कार्यों को याद किया गया है।

आचार्य डॉ० सुश्रुत सामश्रमी ने अपने उद्बोधन में गायत्री मंत्र के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ॐ भूर्भुवः स्वः गायत्री मंत्र का शुरुआती भाग है, जिसमें ईश्वर से प्रार्थना की गई है कि वह हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करें। वेद मार्ग पर चलकर जीवन को सफल बनाने के लिए ज्ञान और सत्य के मार्ग पर चलना, ईश्वर में विश्वास रखना, और कर्मों पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है क्योंकि यह जीवन को सार्थक और सफल बनाने का मार्ग है।
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मुख्य अतिथि बड़खल के विधायक धनेश अदलखा तथा विशिष्ट अतिथि पार्षद सुमन बाला, मनोज नासवा, सरदार जसवंत सिंह का आर्य पट्टिका पहना कर व स्मृति चिन्ह दे कर स्वागत किया गया। विधायक धनेश अदलखा ने महर्षि दयानंद सरस्वती जी के सामाजिक सुधारों, शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान और राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका की सराहना करते हुए समस्त कार्यकारिणी को 74वें वार्षिकोत्सव के सफल आयोजन के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

गुरुकुल इंद्रप्रस्थ के प्राचार्य आचार्य ऋषिपाल ने अपने व्याख्यान में राष्ट्र और समाज के प्रति समर्पण के महत्व पर जोर दिया और बताया कि कैसे वेदों पर आधारित जीवन शैली इस भावना को मजबूत कर सकती है।
महामंत्री जितेन्द्र सरल ने कुशलता पूर्वक मंच संचालन किया और उपप्रधान सतीश आर्य ने समस्त पदाधिकारियों एवं सदस्यगणों की तरफ से सबको अपनी उपस्थिति और सहभागिता से इस आयोजन सफल बनाने में सहयोग के लिए धन्यवाद किया।
इस अवसर पर शिव कुमार टुटेजा, डॉ० आनंद महता, डॉ० गजराज आर्य, वसु मित्र सत्यार्थी, मनीष मनचंदा, देवेंद्र अरोड़ा, राजन सिक्का, संजय खट्टर, प्रवीण गोयल, अजीत आर्य, सत्यभूषण आर्य, रमेश मनचंदा, धर्मवीर आर्य, योगेंद्र फोर, संदीप आर्य, राजकुमार आर्य, देवराज योगाचार्य, जयपाल शास्त्री, सुरेश शास्त्री, सतीश सत्यम, विमला ग्रोवर, प्रतिभा यति, ज्ञान देवी आहूजा, ममता अग्रवाल, हर्ष गुलाटी, पुष्पा आहूजा, संतोष मदान, ऊषा चितकारा, डॉ० श्रुति साधिका तथा अन्य सदस्यगण व आर्यजन शामिल हुए।


