पंकज अरोड़ा की रिपोर्ट/फरीदाबाद: एनसीआर में लगातार आवारा कुत्तों के हमले का मामला तूल पकड़ता जा रहा है और इस मामले में सुप्रीम कोर्ट भी काफी गंभीर है और एनसीआर की सड़कों पर घूमते आवारा कुत्ते व मवेशी इन दिनों वाहन चालकों व राहगीरों के लिए खतरा साबित हो रहे हैं।

सुबह से रात तक आवारा कुत्ते व पशु सड़क और गलियों में डटे रहते है और इन्हें वंहा से भगाने की कोशिश में ही कई दुर्घटनाएं घट जाती है। आवारा पशु जब आपस में लड़ते हैं तो सड़क से पैदल निकल रहे लोगों सहित दो पहिया वाहन चालकों को भय बना रहता है। इनको हटाना या लड़ते हुए पशुओं को रोक पाना खतरे से खाली नहीं है। विशेष रुप से बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों को आवारा पशुओं से खतरा हमेशा बना रहता है। ब्लाक में आवारा कुत्तों द्वारा काटने की कई शिकायत सामने आ चुकी हैं मगर हालात जस के तस है।

आपको बता दें कि आवारा कुत्तों का मामला गत दिनों सीजेआई के समक्ष भी उठाया गया था. सीजेआई गवई ने कहा था कि वह इसे देखेंगे. आवारा कुत्तों को पकड़ने और उन्हें सुरक्षित स्थान पर रखने के खिलाफ दिल्ली में लोगों ने कुछ दिन पहले विरोध प्रदर्शन भी किया था. और इस मामले में फिर से सुनवाई होने जा रही है. ऐसे में सभी की निगाहें कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं…
और हाल ही में 3सी 162 निवासी अनिल मेंहदीरत्ता को कुछ समय पहले उनकी गाड़ी के नीचे बैठे भूरे रंग के कुत्ते ने हमला कर पैरों की उंगलियों को बुरी तरह जख्मी कर दिया था । और पहले भी 3 एफ ब्लाक में आवारा कुत्तों के हमले कि घटनाएं होती रहती हैं, जो पिछले दिनों 3 एफ निवासी पार्क में टहल रहे थे तो एक कुत्ते ने उन पर हमला कर पैर पर काट लिया जिससे उन्हे उपचार के तौर पर इंजेक्शन प्रक्रिया को पूरा करना पड़ा, फिलहाल अनिल का फॉर्टिस हॉस्पिटल में उपचार चल रहा है। 3सी निवासी नीरज कालरा ने जब कुत्ते को डंडे से भगाने की कोशिश की तो उन पर भी हमला कर दिया पर उनका बचाव हो गया।
और लोगों ने बताया कि वह कुत्ता भूरे रंग का है और शरीर पर खुजली के भी निशान हैं। उन्होने घटना स्थल और आसपास जाकर कुत्ते को ढूंढने की कोशिश की ताकि उसकी फोटो भी शेयर कर सकें मगर कुत्ता नहीं मिला। 3 सी के जागरूक निवासी
वसु मित्र सत्यार्थी ने अपील की है कि सभी आरडब्लूए और सिटिजन वेलफेयर एसोसिएशन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह अपने निवासियों को कोई परेशानी न आने दे और कार में बेठने से पहले सुनिश्चित कर लें कहीं यह कुत्ता छुप कर आपकी कार के नीचे तो नहीं बेठा है। बच्चों को अकेला सड़क या पार्क में न जाने दें और हम सभी पर कई सामूहिक जिम्मेदारी है कि इनको ब्लॉक में घूमने और बैठने से रोकें ताकि किसी प्रकार कई दुर्धटना से बचा जासके।