9एमएसपी के लिए भाकियू अंबावता पूरे देश में 19 को करेगा धरना प्रदर्शन
संयुक्त किसान मोर्चा का राजनीति में उतरना किसान आंदोलन के लिये घातक : ऋषिपाल अंबावता
फरीदाबाद: 28 मार्च, भारतीय किसान यूनियन (अ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी ऋषिपाल अंबावता ने उत्तर प्रदेश में दोबारा बनी भाजपा सरकार को किसानों की हार बताते हुए कहा यदि संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राजनीति में नहीं उतरते और एमएसपी के कानून पर अड़े रहते तो उत्तर प्रदेश का किसान गुमराह नहीं होता, और भाजपा की सत्ता में वापसी नहीं हो पाती। उन्होंने कहां अब भारतीय किसान यूनियन अंबावता पूरे देश में एमएसपी की गारंटी के कानून को लाने के लिए आने वाली 19 अप्रैल को एक दिवसीय जन आंदोलन करेगी। इस दिन पूरे देश में भाकियू अ के किसान कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी 12 से ज्यादा प्रदेशों के जिलों में जिला उपायुक्त एवं डीएम कार्यालय पहुंचकर सुबह 9:00 बजे से 4:00 बजे तक धरना प्रदर्शन करेंगे, और शाम को एमएसपी के लिये मांग पत्र सौंपेंगे। उन्होंने बताया यह फैसला पूरे देश के राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तरीय पदाधिकारियों द्वारा तय की गई मीटिंग में लिया गया है जो गत दिवस भाकियू के दिल्ली स्थित केंद्रीय कार्यालय पर आयोजित एक विशाल बैठक में लिया गया है।
अंबावता ने कहा 50 से ज्यादा किसान संगठन उनके साथ इस आंदोलन में उतरेंगे, और 12 से ज्यादा राज्यों में भाकियू का संगठन काम कर रहा है। उन्होंने बताया बैठक में राष्ट्रीय महासचिव शमशेर सिंह दहिया, उपाध्यक्ष बलविंदर सिंह बाजवा, उत्तराखंड से राव इरशाद खान, दिल्ली से प्रदेश अध्यक्ष दिनेश डबास, पंजाब से प्रदेश अध्यक्ष जसप्रीत ढिल्लो, राष्ट्रीय सचिव कंवर गोवर्धन सिंह, राजस्थान से प्रदेश अध्यक्ष दिलबाग सिंह, गुजरात से रवि हार्दिक पटेल, बिहार से ठाकुर रामानुज सिंह, मध्य प्रदेश से नत्थू सिंह गुर्जर, महेंद्र राणा, उत्तर प्रदेश से सचिन शर्मा, दशरथ सिंह, कर्नाटक से एस पी रेडी, कोटा से ठाकुर विनोद सिंह, युवा किसान नेता प्रवीण चौधरी, पलवल से ऋषि पाल चौहान सहित सैकड़ों जिलों के जिला अध्यक्ष मौजूद रहे।
ऋषिपाल अंबावता ने बताया बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि सरकार द्वारा एमएसपी के लिए बनाई जा रही कमेटी में भाकियू के वरिष्ठ नेता सोहन लाल शास्त्री एवं शमशेर सिंह दहिया को कमेटी में शामिल किया जाए।
उन्होंने कहा 50 से ज्यादा किसान संगठन उनके नेतृत्व में एमएसपी को लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। इस की रूपरेखा आगामी 10, 11, 12 अप्रैल को हरिद्वार में होने वाले तीन दिवसीय किसान सम्मेलन में तय की जाएगी। जिसमें देश के सभी किसान संगठन एमएसपी की लड़ाई को लड़ने के लिए रणनीति तय करेंगे। अंबावता ने कहा वर्तमान भाजपा सरकार किसानों को बहकाने का काम कर रही है। जब चुनाव सिर पर होते हैं, तो वह किसानों की मांगों को पूरा करने की बात करते हैं, मगर जैसे ही भाजपा चुनाव जीत जाती है, तो फिर किसानों की मांग को ठंडे बस्ते में डाल देती हैं। उन्होंने तथाकथित दलाल किस्म के किसान संगठनों को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा कुछ संगठन सरकार के इशारे पर किसानों को बहकाने का काम कर रहे हैं। इसलिये किसान स्वयं तय करें कि वह किसके साथ खड़े होंगे। उन्होंने कहा यदि उत्तर प्रदेश में किसान एकजुट हो जाता तो भाजपा की सरकार नहीं बनती।
वहीं उन्होंने दिल्ली सरकार द्वारा गांव की पंचायती जमीनों को फॉरेस्ट लैंड बताकर हथियाने के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा केजरीवाल सरकार दिल्ली के गांव में घुसकर जबरन किसानों की जमीनों को छीनने का काम कर रही है। केजरीवाल सरकार नए नए कानून बनाकर ग्राम सभाओं की जमीन को लूट रही है, जिसके खिलाफ पूरी दिल्ली के सभी जिलों में 19 अप्रैल को कार्यकर्ता डी एम कार्यालय जाकर मांग पत्र देंगे।
अंबावता ने कहा भारतीय किसान यूनियन का संगठन पिछले 25 वर्षों से देश में किसानों की लड़ाई लड़ रहा है। वह किसी भी कीमत पर देश के किसानों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे।