फरीदाबाद: 04 मई, भारतीय किसान यूनियन (अम्बावता) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ऋषिपाल अम्बावता ने कहा बंगाल में बुरी तरह हारने के बाद भी यदि भाजपा की केन्द्र सरकार ने किसान विरोधी तीन काले कानूनों को वापिस लेने के लिए अपना अडियल रवैईया नहीं छोडा तो उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी देश का किसान भाजपा को बुरी तरह हराने का काम करेगा। उन्होने कहा वह बंगाल की जनता को बधाई देना चाहते हैं कि उन्होने भाजपा को सिरे से नकार कर यह साबित कर दिया कि अब जनता हिन्दू-मुस्लिमान के देश विरोधी नारों पर वोट नहीं देगी। जनता देश में विकास चाहती है और बंगाल की जनता को भी ममता बैनर्जी के काम पर विश्वास है।
अम्बावता ने कहा देशभर के किसान नेताओं की नजर बंगाल चुनाव पर थी, और किसान नेताओं ने वार्डर पर बैठकर मीडिया के माध्यम से यह अपील की थी कि बंगाल का मतदाता भाजपा को हराकर नरेन्द्र मोदी और भाजपा का घमण्ड तोडने का काम करे। उन्हानेे कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को इतना ज्यादा घमंड हो गया है कि वह इस देश के अन्नदाता की आवाज को पिछले 5 महीने से नजर अंदाज कर रहे हैं। इस दौरान अलग-अलग स्थानों पर 370 से ज्यादा किसानों की जान चली गई है, जो बेहद दुखदायी घटना है। उन्होने कहा इन सभी मौतों के जिम्मेदार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं। उन्होने कहा अब किसानों की मांगों में एक मांग यह भी जुड गई है कि शहीद हुए सभी किसानों के परिजनों को 20-20 लाख रूपये, और एक-एक सरकारी नौकरी दी जाए।
भाकियू अध्यक्ष अम्बावता ने कहा किसानों का 40 संगठनों का संयूक्त किसान मोर्चा है इनमें से लगभग 20 संगठन उनके साथ हैं, और आगामी 25 मई को वह इन सभी संगठनों की एक संयुक्त बैठक बुलाकर आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे। उन्होने कहा यदि अब भी मोदी शाह को सद्बुद्धी नहीं आई तो यह दोनों नेता भाजपा को पूरी तरह डुबो देंगे। उन्होने कहा भाजपा में अब भी सच्चे किसान नेता हैं, वह समय रहते अपना पद त्यागकर किसानों के साथ आंदोलन में आ जाएं। उन्होने हरियाणा के किसान नेता बलराज कुण्डू और इनेलो के पूर्व विधायक अभय चौटाला की प्रसंशा करते हुए कहा अभय चौटाला ने अपने दादा ताऊ देवीलाल के नक्से कदम पर चलकर किसानों के दिल में अपनी जगह बना ली है।
ऋषिपाल अम्बावता ने कहा भाजपा सरकार केवल इस देश की जनता को धोखा देने का काम कर रही है। देश में जब कोरोना से लोग मर रहे हैं। उस समय प्रधानमंत्री का पहला कर्तव्य यह बनता है कि वह अपने देश की जनता को बचाने के लिए उचित इंतजाम करे। किन्तु नरेन्द्र मोदी बडी निरलजता से केवल चुनावों में रैलियां करते रहे। इसके अलावा हरिद्वार में कुम्भ को भी नहीं रोका गया। इन दोनों ही कारणों से देश में कोरोना के वायरस ने विकराल रूप धारण करके महामारी में तबदील हो गया। आज देश की गरीब और बेगुनाह जनता अस्पतालों की कमी, दवाईयों, बैड और आक्सीजन न होने से मर रही है। इन सभी मौतों के जिम्मेदार केवल केन्द्र की नाकारा सरकार है, प्रधानमंत्री मोदी हैं। उन्होने कहा यदि नरेन्द्र मोदी में अब भी थोडी से भी देशभक्ति बची है, तो वह तुरंत अपना इस्तीफा देकर हिमालय पर प्रस्थान करें, ताकि यह देश बच सके।
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