कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने मानव रचना संस्थानों में ‘शिक्षा का दीप’ योजना का शुभारंभ किया
हरियाणा के मंत्री विपुल गोयल ने मानव रचना में ‘शिक्षा का दीप’ लॉन्च किया, 2035 तक फरीदाबाद का सकल नामांकन अनुपात 50% तक बढ़ाने का लक्ष्य
पंकज अरोड़ा की रिपोर्ट फरीदाबाद, 16 सितंबर 2025: मानव रचना शैक्षिक संस्थानों ने आज अपने दूरदर्शी संस्थापक चांसलर डॉ. ओ.पी. भल्ला की 12वीं स्मृति दिवस मनाया। मुख्य अतिथि, हरियाणा सरकार के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, शहरी स्थानीय निकाय एवं नागरिक उड्डयन मंत्री विपुल गोयल की उपस्थिति में संस्थान ने ‘शिक्षा का दीप’ कार्यक्रम की घोषणा की। यह एक रणनीतिक छात्रवृत्ति पहल है, जिसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के मेधावी छात्रों के लिए उच्च शिक्षा में भागीदारी बढ़ाना और 2035 तक फरीदाबाद का सकल नामांकन अनुपात 50% तक पहुंचाना है।

डॉ. प्रशांत भल्ला, अध्यक्ष; डॉ. अमित भल्ला, उपाध्यक्ष; डॉ. सत्य भल्ला, मुख्य संरक्षक; और डॉ. एन.सी. वाधवा, महानिदेशक एवं डॉ. ओ.पी. भल्ला फाउंडेशन के उप-अध्यक्ष, अन्य वरिष्ठ प्रतिनिधियों के साथ मानव रचना शैक्षिक संस्थानों की ओर से उपस्थित थे।
विपुल गोयल ने कहा, “यह देखना प्रेरणादायक है कि सामूहिक प्रयास कैसे सामाजिक बदलाव ला सकते हैं। डॉ ओ.पी. भल्ला फाउंडेशन जैसी पहलों के माध्यम से एनजीओ, उद्योग के नेता और नागरिक शिक्षा, स्वास्थ्य और सामुदायिक कल्याण के लिए साथ आते हैं, जिसमें बड़े पैमाने पर रक्तदान अभियान और अन्य परोपकारी कार्यक्रम शामिल हैं। इन पहलों को आगे बढ़ाने में व्यक्तियों और परिवारों की निष्ठा यह दर्शाती है कि सच्ची सेवा व्यक्तिगत और पेशेवर सीमाओं से परे होती है। मैं युवाओं से आग्रह करता हूँ कि वे इस उदाहरण का अनुसरण करें: समाज में सक्रिय योगदान दें, जरूरतमंदों का समर्थन करें और अपनी ऊर्जा रचनात्मक कार्यों में लगाएं। सेवा के प्रति समर्पण और दान की संस्कृति को बढ़ावा देकर हम अपने समुदायों को मजबूत कर सकते हैं और 2047 तक भारत को विश्वगुरु बनाने के बड़े दृष्टिकोण की दिशा में काम कर सकते हैं।”
‘शिक्षा का दीप’ सरकारी स्कूलों, ग्रामीण क्षेत्रों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मेधावी छात्रों को वित्तीय बाधाओं से मुक्त करता है, स्कूल से कॉलेज तक के सफ़र में सहयोग करता है, लक्षित छात्रवृत्ति के माध्यम से महिला शिक्षा को बढ़ावा देता है और कार्य-अध्ययन कार्यक्रम, व्यावसायिक प्रशिक्षण और मेंटरशिप के जरिए रोजगारक्षमता को सुधारता है, जिससे उच्च शिक्षा के लिए स्थायी रास्ते बनते हैं।
डॉ. सत्य भल्ला, मुख्य संरक्षक, मानव रचना शैक्षिक संस्थानों ने कहा, “डॉ. ओ.पी. भल्ला का नेतृत्व उनके दृष्टिकोण और शिक्षा एवं सामाजिक कल्याण के प्रति समर्पण से परिभाषित था। वे समुदायों को सशक्त बनाने और सभी के लिए अवसर पैदा करने में विश्वास रखते थे। उनकी विरासत ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से जीवित है जो जीवन बदलते हैं और हम सभी को उनके मूल्यों और एक बेहतर, समावेशी समाज बनाने की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करते हैं।”
डॉ. प्रशांत भल्ला, अध्यक्ष, मानव रचना शैक्षिक संस्थानों ने कहा, “डॉ. ओ.पी. भल्ला हमेशा समाज की सेवा और उसके हर वर्ग को ऊपर उठाने में विश्वास रखते थे। परिवार, मित्रों और शुभचिंतकों के सहयोग से मानव रचना परिवार उनकी विरासत को आगे बढ़ा रहा है। उनकी दृष्टि ‘एक मुट्ठी दान’ जैसी पहलों के माध्यम से जीवित है, जहां इस वर्ष हमने जरूरतमंदों के लिए 37,000 किलो अनाज एकत्र किया, और इतने वर्षों में ₹69 करोड़ से अधिक की छात्रवृत्तियाँ प्रदान की गईं। हम ‘शिक्षा का दीप’ कार्यक्रम का विस्तार करके फरीदाबाद के अधिक छात्रों को लाभान्वित करेंगे।”
डॉ. एन.सी. वाधवा, महानिदेशक, मानव रचना शैक्षिक संस्थानों एवं डॉ. ओ.पी. भल्ला फाउंडेशन के उप-अध्यक्ष ने कहा, “डॉ. ओ.पी. भल्ला का दृष्टिकोण ऐसे व्यक्तियों को तैयार करना था, जो न केवल अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट हों, बल्कि समाज के कल्याण के लिए समर्पित भी हों। डॉ. ओ.पी. भल्ला फाउंडेशन इस विरासत को बनाए रखता है, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण में पहलों का नेतृत्व करता है जो महत्वपूर्ण जरूरतों को पूरा करती हैं और अनगिनत जीवनों पर सकारात्मक प्रभाव डालती हैं।”
विपुल गोयल द्वारा उद्घाटन किए गए मेगा रक्तदान शिविर में छात्रों, शिक्षक और स्टाफ ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिसमें 1,857 यूनिट रक्तदान हुआ, जो जीवन बचाने की संस्था की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ‘डोनेट लाइफ – अंगदान’ पहल के तहत 331 व्यक्तियों ने अंगदाता के रूप में पंजीकरण कराया। इसके अतिरिक्त, 451 प्रतिभागियों ने रक्त स्टेम सेल दान के लिए पंजीकरण करने की प्रतिज्ञा की, जिससे गंभीर रोगों से लड़ रहे मरीजों को आशा मिली, यह पहल डेट्री फाउंडेशन के सहयोग से हुई।

सामाजिक परोपकार को बढ़ावा देने वाले ‘एक मुट्ठी दान’ अभियान का समापन 37,000 किलो अनाज संग्रह के साथ सफल रहा। अब तक इस पहल के माध्यम से कुल 1,86,000 किलो अनाज एकत्र किया जा चुका है, जिससे कमजोर परिवारों का समर्थन हुआ और स्थानीय समुदायों में खाद्य सुरक्षा मजबूत हुई।