खबरेंNcr रिपोर्टर पंकज अरोड़ा फरीदाबाद: 01 अप्रैल, महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती के उपलक्ष्य में आर्य समाज सेवासदन (पंजी.), बल्लबगढ़ एवं ठारूराम आर्य कन्या माध्यमिक विधालय के संयुक्त तत्वावधान में पांच दिवसीय चर्तुर्वेदशतकम् पारायण यज्ञ एवं पावन वेद कथा के समापन समारोह का शुभारंभ यज्ञ से हुआ। भजनोपदेशक ज्योति देवी व सतीश सत्यम ने अपने मधुर भजनों से ऋषि का गुणगान किया। मुख्य वक्ता आचार्य हरिशंकर अग्निहोत्री ने युवाओं के चरित्र निमार्ण और दयानंद सरस्वती के सामाजिक योगदान पर व्यापक चर्चा की, उन्होंने कहा प्रत्येक मनुष्य को शान्ति और सुख-प्राप्ति के लिए वेद के मार्ग पर चलना ही होगा वेद-मार्ग से ही मानव का कल्याण-उत्थान और समस्याओं का समाधान होगा।
मुख्य अतिथि,उद्योग मंत्री, पंडित मूलचंद शर्मा, हरियाणा सरकार का मंच पर पुष्प गुच्छ देकर व अंगवस्त्र पहनाकर स्वागत किया गया। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा भारत के इतिहास में धार्मिक समाज सुधारकों में एक प्रभावी नाम दयानंद सरस्वती का है। स्वामी दयानंद भारत की महान ऋषि परंपरा की विभूति थे, उन्होंने हिंदुओं को वेदों की ओर चलो का नारा दिया, अनेक धार्मिक कुरीतियों और खोखली परम्पराओं को खत्म किया और सामाजिक उत्थान के साथ देश में शिक्षा के लिए भी काम किए। आदर्शवादी होने के कारण दयानंद ने शिक्षा व्यवस्था में चरित्र के विकास को अधिक महत्व दिया। नारी समाज के उत्थान का श्रेय महर्षि दयानंद को जाता है।
इस अवसर पर ठारूराम आर्य कन्या माध्यमिक विधालय की छात्राओं द्वारा प्रेरक और मनमोहक सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुति द्वारा ऋषि दयानंद, श्रीराम और देश की वीरांगनाओं को याद किया। स्वामी जगत् मुनी व चौधरी राजेंद्र सिंह बीसला ने सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं व आशीर्वाद दिया।
कार्यक्रम में जितेंद्र सिंघल, चंद्रभान भुटानी, नंदलाल बत्रा, वसु मित्र सत्यार्थी, योगेंद्र फोर, जितेंद्र सरल, निष्ठाकर आर्य, रघुबीर शास्त्री, नंदलाल कालरा, योगाचार्य देवराज आर्य, दयानंद आर्य, देशबंधु आर्य, अशोक चौधरी, किरण चुग, माया देवी, ओमवती आर्य, इंद्रा शर्मा, कान्ता मंगला, बबीता ने भाग लिया।