KhabarNcr

वेद और वैदिक संस्कृति के पुनरुत्थान में महऋषि दयानंद सरस्वती का योगदान सबसे महत्वपूर्ण

पंकज अरोड़ा की रिपोर्ट फरीदाबाद: 03 सितंबर, आर्य केंद्रिय सभा (नगर निगम क्षेत्र) के तत्वाधान में विभिन्न आर्य समाजों में 8 दिवसीय वेद प्रचार महोत्सव के दूसरे दिन आर्य प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष देशबंधु आर्य की अध्यक्षता में आर्य समाज एन एच 4 में आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न आर्य समाज के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए।

कार्यक्रम में आर्य भजनोपदेशक आचार्य सतीश सत्यम और जितेंद्र सरल ने अपने मधुर भजनों द्वारा महर्षि दयानन्द का गुणगान करते हुए प्रेरक भजनों के माध्यम से वेद मार्ग पर चलने का आवाहन किया

मुख्य वक्ता प्रसिद्ध आर्य विद्वान डा. नरेंद्र वेदालंकार द्वारा वेदों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए वैदिक सिद्धांतों अनुसार श्रेष्ठ जीवन यापन से सफल बनाने का आह्वान किया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि नरेश मोंगा व विशिष्ट अतिथि प्रदीप गुलाटी द्वारा नवनिर्मित सत्संग भवन का विधिवत उद्घाटन करते हुए आर्य समाज एन एच चार को बधाई दी।

गुरूकुल इंद्रप्रस्थ के आचार्य ऋषिपाल ने अपने उद्बोधन में महऋषि दयानंद सरस्वती के वेद और वैदिक संस्कृति के पुनरुत्थान के महत्वपूर्ण सराहनीय योगदान को वेद प्रचार महोत्सव के माध्यम से जनजागृति के प्रयासों की सराहनीय प्रयास की सराहना की।

कार्यक्रम में कुलभूषण सखुजा, कर्मचंद शास्त्री, वसु मित्र सत्यार्थी, जोगेंद्र कुमार, कुलदीप गोयल, सुधीर कुमार बंसल, सत्यप्रकाश अरोड़ा, नंदलाल कालरा, सुरेश शास्त्री, विदूषी श्रुति सेतिया, ऊषा चितकारा, ऊषा गुलाटी, प्रेम बहल, नर्वदा शर्मा तथा विभिन्न आर्य समाज के अनेक प्रतिनिधि सम्मिलित हुए।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

You might also like

You cannot copy content of this page