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क्रिकेटर कपिल देव ने मानव रचना की एलुमनाई पुस्तक उत्कृष्ट ‘आइकॉन्स ऑफ मानव रचना’ का विमोचन किया

–  कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कपिल देव थे

–  पुस्तक में मानव रचना के एलुमनाई की 25 प्रेरणात्मक कहानियाँ हैं

–  कपिल देव ने छात्रों से बातचीत की और उनके सवालों के जवाब दिए

फरीदाबाद, 1 अप्रैल, 2022: मानव रचना में आज कपिल देव जी की उपस्थिति में उत्कृष्ट – ‘आइकॉन्स ऑफ मानव रचना’ बुक लॉन्च की गई, जिसमें मानव रचना के एलुमनाई की 25 परिवर्तनकारी कहानियां लिखी गई है।

इस महत्वपूर्ण अवसर के मुख्य अतिथि के रूप में कपिल देव ने मानव रचना शैक्षणिक संस्थान (MREI) के अध्यक्ष डॉ प्रशांत भल्ला; डॉ अमित भल्ला, उपाध्यक्ष – MREI; डॉ. एम.एम. कथूरिया, ट्रस्टी, MREI; डॉ. संजय श्रीवास्तव, एमडी, MREI; मानव रचना के अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति, छात्र, शिक्षक और एलुमनाई के परिवार की उपस्थिति में पुस्तक का अनावरण किया।

पुस्तक विमोचन का क्षण जोश और विभिन्न भावनाओं से भरा था। जब कपिल देव और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने पुस्तक का अनावरण किया तो सभागार तालियों से गूंज उठा। इस पुस्तक का उद्देश्य मानव रचना के एलुमनाई की उल्लेखनीय उपलब्धियों के साथ साथ उनकी अभूतपूर्व चुनौतियों के बारे में बताना है दर्शकों को संबोधित करते हुए, कपिल देव ने साझा किया कि कैसे उनका जुनून एक करियर में बदल गया और उन्होंने इस खूबसूरत यात्रा को शानदार ढंग से पूरा किया। अपने संबोधन में उन्होंने सभागार में मौजूद सभी अभिभावकों, छात्रों, एलुमनाई और दिग्गजों के साथ अपने विचार साझा किए। उन्होंने ‘प्रेशर’ की अवधारणा के बारे में बात की और कहा कि जीवन में कुछ भी करने के लिए जुनून होना चाहिए। उन्होंने अपने जीवन के अनुभवों व् कहानियों से ऑडियंस में बैठे छात्रों को प्रेरित किआ। उन्होंने  कहा, “जब कोई छात्र अपनी शिक्षा पूरी करता है, तो यह शैक्षणिक संस्थान की ज़िम्मेदारी है कि वह एक मजबूत चरित्र का भी निर्माण करे।” संस्थापक डॉ. ओ.पी. भल्ला के सपने को याद करते हुए, डॉ अमित भल्ला ने कहा, “मानव रचना के छात्रों की आज पूरे विश्व में छाप है और डॉ. ओ.पी. भल्ला के इस सपने के सच होने के साथ, मैं यह बात गर्व से कह सकता हूं कि मानव रचना का हर छात्र हमारी पहचान है और हमारी निरंतर सफलता का स्तंभ है।“ उन्होंने कहा कि इस शानदार पुस्तक के विमोचन के साथ, ‘फाउंडर्स डे 2022’ का जश्न बेजोड़ तरीके शुरू होता है।

डॉ. प्रशांत भल्ला ने मानव रचना की 25 साल की यात्रा को याद किया और कहा कि कैसे मानव रचना के हर एक संघ ने इस संस्थान को ऊंचा उठाने में योगदान दिया है। उन्होंने बताया कि किस तरह से मानव रचना की सिल्वर जुबली का जश्न मनाया जा रहा है, जिसकी शुरुआत एजुकेशन लीडर्स समिट से हुई और आज यह भव्य बुक लॉन्च हुआ। ‘मानव रचना के प्रतीक’ (एलुमनाई) को संबोधित करते हुए उन्होंने साझा किया कि कैसे वे मानव रचना को दुनिया के हर कोने में ले जा रहे हैं और अपने संस्थान को गौरवान्वित कर रहे हैं।

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