फरीदाबाद: 25 दिसंबर, क्या आप जानते हैं कि देश में हर साल हजारों लोगों की मौतें सिर्फ इस वजह से हो जाती हैं, क्योंकि उन्हें समय पर ऑर्गन ट्रांसप्लांट नहीं मिल पाता है. अगर किसी बीमार व्यक्ति को उसके शरीर का महत्वपूर्ण अंग दान के रुप में मिल जाए तो उस आदमी की जान भी बचाई जा सकती है और देह दान मेडिकल विद्यार्थियों की पढ़ाई में सहायक है. इसी को लेकर जागरुकता फैला रही ‘दधीचि देह दान समिति’ की फरीदाबाद इकाई ने जे0 सी0 बोस यूनिवर्सिटी YMCA फरीदाबाद के “विवेकानंद ऑडिटोरियम” में देहदानियो के 48 वे उत्सव का आयोजन किया.
इस मौके पर देहदान कर चुके परिवारों को सम्मानित किया गया. जिन संकल्प कर्ताओं ने 2020 से अब तक नेत्र, अंग, देहदान बाबत संकल्प लिए है उन्हे भी प्रमाण पत्र और विल दे कर सम्मानित किया गया. आए हुए महानुभावों ने अंगदान और देहदान का संकल्प लिया.
कार्यकर्म की शुरुवात “जीवेम शरद: शतम्” के मंत्रोंचार व दीप प्रज्वलन से की गई. जे0 सी 0 बोस यूनिवर्सिटी YMCA के विद्यार्थियों ने नुकड़ नाटक के माध्यम से सभी को अंगदान और देहदान बाबत जागरूक किया.
इस उत्सव में मुख्य अतिथि नरेंद्र अग्रवाल, अध्यक्ष, फरीदाबाद इन्डस्ट्री ऐसोसिएशन ने अपने विचार व्यक्त किए. कि वह सफल उधमी के साथ प्राकृति और वातावरण शुद्धता के अनेक कार्यक्रम कर रहे हैं, इस प्रकार के मानवीय मूल्यों पर आधारित कार्यक्रम लोगों में नयी जागृति का स्रोत बन सकता है।
विशिष्ठ अतिथि प्रो. सुशील कुमार तोमर, कुलपति जे0 सी0 बोस यूनिवर्सिटी फरीदाबाद रहे, उन्हें इस महान कार्य करने वाले सभी संकल्पित लोगों का स्वागत करते हुए कहा, संसार मे इससे फडा और कोई और दान नहीं है। महादानी कर्ण ने केवल दिव्य कव्च ही दान दिया, पर हम तो अपनी मृत्यु उपरांत अपना पूर्ण देह ही दान कर रहे हैं। महर्षि दधीचि का दान संसार कल्याण हेतु सबसे बडा दान माना गया है।
महामंडलेश्वर स्वामी जगत प्रकाश त्यागी, अध्यक्ष अखंड परमधाम, चित्रकूट ने पहले ही नेत्र दान का संकल्प लिया हुआ है उन्होंने नानाजी देशमुख प्रथम देहदानी की गाथा के बारे में सभी को अवगत कराया.
कर्नल (रीटा.) बी के मिश्रा, (प्रो. एटोनॉमी) माता अमृतनंदमयी मेडिकल कॉलेज, फरीदाबाद ने बताया कि कैसे आर्मी कॉलेज में भी उन्होंने देहदानियों को सम्मान दिलवाया. मुख्य वक्ता कमल खुराना, महामंत्री दधीचि देह दान समिति, नई दिल्ली ने समिति की गतिविधियों बारे विस्तार से जानकारी दी और सभी दानी परिवारों का सम्मान के साथ आभार व्यक्त किया. अंतरकथन डॉक्टर पंकज कुमार हंस, एसोसिएट डायरेक्टर एशियन अस्पताल फरीदाबाद द्वारा दिया गया.
डॉक्टर दुर्गा सिन्हा द्वारा कविता पाठ किया गया. कार्यक्रम का समापन “जीवेम शरद शतम” और राष्ट्रगान से किया गया. राजीव गोयल संयोजक फरीदाबाद ने सभी आए हुए महानुभावों और एन0जी0ओ0 के प्रतिनिधियों का धन्यवाद किया। उत्सव संयोजन व मंच संचालन, विकास भाटिया, अर्चना गोयल ने किया। मंच से अपील करते हुए लोगों को जागरूक करते हुए बताया, जीते जी रक्तदान, जाते जाते अंगदान, मृत्युंजय बन नेत्रदान व देहदान करेंगे। न जलेंगे न दफनाये जाएंगे, प्राकृति व पर्यावरण सुरक्षित कर जाएंगे।
कार्यक्रम के अन्त मे सभी आऐ हुए लोगों ने सहभोज किया। साथी सदस्यों गुलशन भाटिया, हनीश भाटिया, नरेंद्र बंसल, सुनीता बंसल, संजीव गुप्ता, सुरेंद्र कुमार, अजीत अग्रवाल, इंदु बाला, समिति की उपाध्यक्षा मंजू प्रभा, आशीष, बी आर सिंगला, महामंत्री कमल खुराना, दिल्ली से आए हुए अधिकारियों, कार्यकर्ताओं और जे0 सी0 बोस यूनिवर्सिटी के छात्रों व अन्य सभी का योगदान सराहनीय है।