फरीदाबाद: डीपीएसजी सीकरी, फरीदाबाद में एक मेगा एजुकेशन समिट का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम विद्यालय की प्राचार्या महोदया रितु कोहली ने सभी अतिथियों का हार्दिक अभिनंदन किया, तत्पश्चात दीप प्रज्ज्वलन व श्लोक उच्चारण से कार्यक्रम आरंभ किया गया । ‘विद्या धनम् सर्व धनम् प्रधानम्’ –उक्ति की सार्थकता स्पष्ट करते हुए डीपीएसजी सोसाइटी के अध्यक्ष ओम पाठक ने इस समारोह को संबोधित किया तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति -विद्यार्थियों के लिए इसका क्या महत्व है, किस प्रकार बच्चे देश के निर्माण में अहम भूमिका निभा सकते हैं तथा शिक्षा को वास्तविक जीवन से कैसे जोड़ना है आदि विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए । निदेशक, शिक्षाविद और डीपीएसजी सोसायटी के सचिव सेवानिवृत्ति एयर वाइस मार्शल श्री एल एन शर्मा ने विशिष्ट पैनलिस्ट का परिचय दिया। शोमा लहरी (सीनियर हेडमिस्ट्रेस डीपीएसजी पालम विहार) द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया। इसके अंतर्गत प्रख्यात शिक्षा विद डॉक्टर , वाईस-चांसलर तथा कॉर्पोरेट लीडर्स द्वारा नई शिक्षा नीति-स्कूली शिक्षा के लिए एक नया लेंस, भविष्य में कार्यस्थलों के लिए शिक्षार्थियों को अवसर प्रदान करना तथा विद्यार्थियों को कल्याणकारी योजनाओं के लिए समर्थ बनाना आदि विषयों पर अपने विचार व अनुभव सांझा कर सभी का मार्गदर्शन किया गया ।
विशिष्ट पैनलिस्ट ने एनईपी के अनुसार उच्च शिक्षा में पाठ्यचर्या के परिवर्तन और विघटन के लिए विभिन्न प्रतिमानों पर चर्चा की 1.उच्च शिक्षा में अनुसंधान संस्कृति(रीसर्च कल्चर) के निर्माण पर जोर देना, 2. उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान एवं विकास क्षमता पर जोर देना । चर्चा में विभिन्न शैक्षणिक, चिकित्सा और औद्योगिक पृष्ठभूमि से संबंधित 15 पैनलिस्ट ने भाग लिया। प्रस्तुति की शुरुआत में, अध्यक्ष पाठक ने प्रतिभागियों को डीपीएसजी के नए पाठ्यक्रम डिजाइन (CD 2020) की जानकारी भी दी गई । सम्मानित वार्ताकारों ने शिक्षा और प्रौद्योगिकी के बीच संबंध पर चर्चा करते हुए इस तथ्य पर भी जोर दिया कि 21वीं सदी में, कोविड के बाद के युग में, किस प्रकार शिक्षा प्रणाली में आई चुनौतियों ने शिक्षक तथा शिक्षार्थियों को सीखने के नए अवसर प्रदान किए । डाक्टर्स द्वारा शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ की भी बात की गई कि संतुलित आहार, होम रेमेडीज व सही दिनचर्या का पालन कर हम अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं । नगर निगम फरीदाबाद के कमीश्नर यशपाल यादव ने जीवन में गुरु के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि हमारी शिक्षा पद्दति इस प्रकार की होनी चाहिए जो छात्रों को शिक्षित करने के साथ-साथ एक अच्छा नागरिक बनने के गुण भी विकसित करे। गौरवमय बात यह कि अधिकतर पेंलिस्ट ने न केवल अपनी मातृभाषा हिंदी में अपने विचार व्यक्त किए अपितु अपनी संस्कृति व राष्ट्र से जुड़े रहने का संदेश भी दिया । कार्यक्रम के अंत में प्रबंधन समिति द्वारा सभी अतिथिओं को उपस्थिति के लिए धन्यवाद करते हुए हाई टी देकर सम्मानित किया गया। यह सभी प्रतिभागियों के लिए बेहद ज्ञानवर्धक अनुभव था।