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श्री श्रद्धा रामलीला कमेटी के मंचन का पहला दिन

पंकज अरोड़ा की रिपोर्ट /फरीदाबाद: औद्योगिक नगरी फरीदाबाद में सामाजिक व धार्मिक संगठन की ओर से रामलीला का मंचन शुरू हो गया है जिसमें श्री श्रद्धा रामलीला कमेटी कमंचन 23 सितंबर से शुरू हो चुका है जिसमें न कलाकारों ने अपनी कला से भीड़ जुटाने में कामयाब रहे बल्कि अपने किरदारों में हर एक दृश्य को ईमानदारी से निभाया।

आपको बता दे की पिछले कई वर्षों से श्री श्रद्धा रामलीला कमेटी का मंचन किया जा रहा है जिसमें कलाकार अपने तन और मन से दर्शकों का दिल लुभाते आ रहे हैं इस प्रक्रिया में पहले दिन के मंचन में भगवान शिव द्वारा रावण को चंद्रहास देना

रावण द्वारा वेदवती को सताना, श्रवण कुमार का माता-पिता की सेवा करते हुए देखना और श्रवण कुमार को तीर लगने जैसे दृश्य दर्शाए गए

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इसके अलावा रावण दरबार, राम सीता जन्म, राक्षसों द्वारा ऋषि को सताना जैसे दृश्य आदर्श गए।

|| अंक पहला सीन तेरहवां में महाराजा दशरथ का दरबार

दशरथः-

गुरूदेवः ये सब आपकी कृपा है। जो मैने सन्तान का सुख पाया है । आपकी दया से ही ये अनमोल धन मुझ निर्धन के हाथ आया है। मेरा बाल बाल आपका ऋणि है । जिसे मैं जन्म जन्मान्तर तक नही चुका सकता ।…. तरसता एक को था, चार हैं अब तो कुंवर मेरे ।

दिये घी के प्रति दिन, जला करते हैं घर मेरे ॥ मिले अनमोल हीरे हैं, नहीं फूला समाता हूँ । जगत में अपने जैसा, भाग्यशाली अब न पाता हूँ ।।

दशरथ: – हैं कौन बोला । किसने पुकारा,
श्रवणः-
किसको बाण लगा………
उ यह किसका लाडला मैंने, लहु लुहान किया ।
यह किसका काल है हवाले, नौजवान किया ।। कलेजा किसका था भगवान, मैंने चीर दिया ।
यह किसके लाल की छाती में, मार तीर दिया ।। गया क्या ज़ुल्म घोखे में, किसी की जान पर । चल गया क्या बाण मेरा, उफ़ किसी इन्सान पर ।। ……. पिता……..
आहः माता
ठ प्यास अब कैसे बुझाऊँ, हाय मैं लाचार हूँ ।
किस तरह सेवा करूँ, मरने को अब तैयार हूँ । आ गई इक इक घड़ी, अब शोक और सन्ताप की । मर गया मैं कौन फिर, सेवा करेगा आपकी ॥ जैसे डायलॉग के साथ मोहक किरदार निभाए गए।

इस रामलीला के मंचन पर केन्द्रीय मंत्री विपुल गोयल ने शिरकत की और अगर कलाकारों की बात करें तो जिसमें भगवान शिव का किरदार अंकित मखीजा, मां पार्वती का अंकिता, अरोड़ा, नंदी का नेत्रपाल शर्मा, रावण का श्रवण चावला, मारीच का दीपक मदान, दशरथ का अजय खरबंदा ने बखुबी से निभाया तो वंही वेदवती का यौगांधा वशिष्ठ, वशिष्ठ का नेत्रपाल शर्मा, सुमंत का जितेंद्र, श्रवण कुमार का कशिश चावला, शांतनु का कैलाश चावला, ज्ञानवती का स्नेहा, ऋषि का परविंदर राजपाल, अभिनव शर्मा, अरुण और जनक का जगदीश भाटिया, जनक की पत्नी का सोनिया शर्मा, कैकई का असावरि वशिष्ठ, सुमित्रा का रूशाली वशिष्ठ, कौशल्या का दिव्या वशिष्ठ द्वारा निभाया गया है तो वहीं अजय खरबंदा ने बताया है कि वह और पूरा परिवार तालमेल बनाए रखना की कोशिश करते हैं बच्चों की पढ़ाई पर भी ध्यान दिया जाता है देर रात तक अभ्यास करते हैं और दिन में अपने काम में जुट जाते है ।

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