फरीदाबाद्: 22 मार्च, जैसा कि आपको पता है हर तरफ देश मे इन दिनों कश्मीरी पंडितों पर बनी बॉलीवुड फिल्म ‘कश्मीर फाइल्स’ को लेकर जहां पूरे भारत में बहस छिड़ी हुई है। फिल्म में न सिर्फ कश्मीरी पंडितों के नरसंहार का घिनौना सत्य दिखाया गया है । बल्कि तत्कालीन सरकारो की भूमिका से भी पर्दा उठाया गया है। सत्य घटना पर आधारित इस फिल्म में दिखाया गया है कि जम्मू-कश्मीर में वर्ष 1990 के दशक में भड़की आतंकी हिंसा के बाद लाखों की तादाद में कश्मीरी पंडित घाटी छोड़कर चले गए जबकि कई लोगों की हत्या कर दी गई थी।
पूर्व उद्योग मंत्री विपुल गोयल् ने ओल्ड फरीदाबाद् स्थित मॉल में हॉल बुक करवाकर समाज के वरिष्ठ बुद्धिजीव, स्लम क्षेत्र ओर विभिन्न वर्गों के लोगो के अलावा मीडिया जगत् के लोगों के साथ बैठकर फिल्म देखी । विपुल् गोयल् ने कहा की इस फिल्म को हर हिंदुस्तानी को एक बार जरूर देखना चाहिए ताकि हमारे कश्मीरी पंडित भाइयो पर हुए अत्याचारों से हर कोई वाकिफ हो सके। पूर्व मंत्री ने कहा की जिस कश्मीर में कश्मीरी पंडित हजारों साल से रहते आ रहे है, जो कभी कश्यप ऋषि की भूमि थी, जहां दरिया हैं, पहाड़ हैं, कुदरत की खूबसूरत नक्काशी है, उसी कश्मीर मे हमारी बहन – बेटियों ओर भाइयों की सामूहिक चिताएं जली थीं ।
विपुल गोयल ने कहा की 90 का दशक कश्मीर में बर्बरता का वो दौर लेकर आया, जिसे आज से पहले ना देखा गया, ना सुना गया। कश्मीरी पंडितों को मारा गया ओर कश्मीरी पंडितों को अपने घर छोड़कर दर-दर भटकना पड़ा। पूर्व मंत्री ने कहा की तीन दशक बाद पहली बार एक फिल्म सामने आई है ‘कश्मीर फाइल्स’ जिसने इस दर्द को फिर से कुरेदा है ओर पूर्व मंत्री ने जोर देते हुए कहा की युवा वर्ग इस फिल्म को जरूर देखे ताकि आने वाले भविष्य में ऐसे किसी भी षड्यंत्र से बचा जा सके।
पूर्व मंत्री विपुल गोयल ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल का भी फिल्म को टैक्स फ्री करने पर धन्यवाद किया ओर गोयल ने कहा देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो कश्मीर मे धारा 370 को खत्म किया है ये एक श्रद्धांजलि हो सकती है उन हजारों कश्मीरी पंडितो को जिन्होंने अपनों को खोया है।
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इस मोके पर पार्षद नरेश नंबरदार, उद्योगपति संत गोपाल गुप्ता, अनिल टंडन, विके शास्त्री, नविन कुमार, सूची पाराशर पूर्व पार्षद, मनीष राघव, पप्पू नागपाल, किशन ठाकुर, चंद्र प्रकाश गोयल, धर्मेंद्र कौशिक कृष्ण कौशिक, पवन डाबर, देव प्रकाश जैन, सोमेश चंदीला, बिजेंद्र चंदीला, हेम चंदीला के अलावा सेकड़ो अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।