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मानव रचना के 17वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया

मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज में दीक्षांत समारोह, 1500 छात्रों को डिग्री और 6 प्रख्यात हस्तियां मानद उपाधि से सम्मानित, एक तिहाई डिग्रियां महिलाओं को, प्रदेश और विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात:- बंडारू दत्तात्रेय, दीक्षांत समारोह संस्मरण ‘प्रतिबिंब’ का विमोचन

फरीदाबाद: 19 दिसंबर, मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज और मानव रचना डेंटल कॉलेज (MRIIRS के तत्वावधान में)  ने अपने 2021 बैच के छात्रों के लिए 17वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया। हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि और शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी ने बतौर विशिष्ट अथिति हिस्सा लिया। 17वें दीक्षांत समारोह में 1500+ छात्रों (स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट 105 बीडीएस डिग्री और 15 एमडीएस डिग्री शामिल) को सम्मानित किया गया। उत्कृष्ट उपलब्धि और शैक्षणिक दक्षता के लिए 64 छात्रों को पदक दिए गए। कार्यक्रम में मौजूद गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दीक्षांत समारोह संस्मरण का विमोचन किया गया।प्रो. (डॉ.) महेश वर्मा, कुलपति, गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय; रंजन कुमार महापात्रा, निदेशक (एचआर) इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड; रंजन सोढ़ी, डबल ट्रैप शूटर, राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार विजेता, अर्जुन पुरस्कार प्राप्तकर्ता; विजय देव, मुख्य सचिव, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, भारत सरकार और विक्रम टंडन, समूह मुख्य मानव संसाधन अधिकारी, अदानी समूह और अतुल कोठारी, राष्ट्रीय सचिव शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास को विद्यावाचस्पति की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।डॉ. संजय श्रीवास्तव ने विश्वविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने, स्नातक करने वाले छात्रों को बधाई दी और कहा, हमारी संस्था के इस रजत जयंती वर्ष ने कई पुरस्कार और मान्यताएं प्राप्त की हैं, जो एमआरआईआईआरएस को शीर्ष पर रखते हैं। उन्होंने कहा, दीक्षांत दिवस पर, सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों कि उपस्थिति हमारे छात्रों को उनकी डिग्री प्राप्त करने और उनके जीवन को प्रेरित करती हैं।दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने स्नातक छात्रों और मानद उपाधि प्राप्तकर्ताओं को बधाई दी।

उन्होंने कहा, यह दीक्षांत समारोह छात्रों, संकाय सदस्यों और प्रबंधन के अथक प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने कहा,  किसी भी विश्वविद्यालय और प्रदेश के लिए यह गर्व की बात है कि आज एक तिहाई डिग्रियां महिलाओं को प्रदान की गई हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यक्ति के समग्र विकास में मदद करती है; इसलिए, इसे सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न पहलुओं को अपनाया जाना चाहिए। इसके लिए ऑनलाइन के साथ-साथ प्रैक्टिकल मोड को भी स्वीकार किया जाना चाहिए। उन्होंने छात्रों से नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी देने वाला बनने का भी आग्रह किया।कार्यक्रम में मानव रचना की मुख्य संरक्षक सत्य भल्ला, मुख्य संरक्षक, डॉ. प्रशांत भल्ला, अध्यक्ष, MREI; डॉ अमित भल्ला, वीपी, MREI; डॉ. संजय श्रीवास्तव, वीसी, एमआरआईआईआरएस; डॉ नरेश ग्रोवर, पीवीसी; डॉ. प्रदीप कुमार, पीवीसी, एमआरआईआईआरएस; डॉ जी एल खन्ना, पीवीसी; डॉ. अरुणदीप सिंह, प्राचार्य, एमआरडीसी, डीजी डॉ. एनसी वाधवा, ट्रस्टी डॉ. एमएम कथूरिया और अन्य वरिष्ठ लोग मौजूद रहे।  

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