पंकज अरोड़ा की रिपोर्ट/फरीदाबाद: श्री श्रद्धा रामलीला कमेटी की ओर से सेक्टर-12 हुडा मैदान में मंगलवार से रामलीला का मंचन बड़े ही धूमधाम से शुरू हुआ। पहले दिन की लीला ने श्रद्धालुओं और दर्शकों को भगवान श्रीराम के जीवन से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रसंगों से परिचित कराया।
रामलीला का शुभारंभ कैलाश पर्वत के दृश्य से हुआ, जहां भगवान शिव (अंकित माखिजा) माता पार्वती (अंकिता अरोड़ा) संग विराजमान थे। इसी दौरान रावण (श्रवण चावला) पुष्पक विमान से गुजरता है और कैलाश पर्वत उठाने की कोशिश करता है। भगवान शिव उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर उसे चंद्रहास तलवार का वरदान देते हैं।
भावुक कर गया श्रवण कुमार का प्रसंग
इसके बाद रावण का वेदवती (योगंधा वशिष्ठ) को सताना और अभिमान से ग्रसित होना दिखाया गया। साथ ही श्रवण कुमार (कशिश चावला) का अपने अंधे माता-पिता की सेवा करते हुए निधन और माता-पिता द्वारा राजा दशरथ (अजय खरबंदा) को दिया गया पुत्र-वियोग का श्राप मंचित किया गया। इस प्रसंग ने दर्शकों को भावुक कर दिया।

राम और सीता जन्म दृश्य रहा आकर्षण
गुरु वशिष्ठ (नेत्रपाल शर्मा) के आशीर्वाद और श्रृंगी ऋषि (पर्विंदर राजपाल, अभिनव शर्मा, अरुण) द्वारा किए यज्ञ से राजा दशरथ को राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न की प्राप्ति होती है। वहीं, मिथिला में राजा जनक (जगदीश भाटिया) द्वारा खेत जोतते समय माता सीता का धरती से प्रकट होना दर्शाया गया। इस दृश्य को दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से सराहा।
कलाकारों ने बटोरी खूब सराहना
रामलीला में नंदी का किरदार नेत्रपाल शर्मा, मारीच का दीपक मदान, सुमंत का जितेंद्र, शांतनु का कैलाश चावला, ग्यवानवती का स्नेहा, जनक पत्नी का सोनिया शर्मा, कैकेयी का असावरी वशिष्ठ, सुमित्रा का रुशाली वशिष्ठ और कौशल्या का दिव्या वशिष्ठ ने निभाया। सभी कलाकारों ने अपने प्रभावशाली अभिनय से मंचन को जीवंत बना दिया।
पहले दिन की लीला ने जहां धार्मिक वातावरण बनाया, वहीं यह संदेश भी दिया कि अहंकार का अंत निश्चित है और धर्म तथा भक्ति से ही जीवन सफल बनता है। आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु और गणमान्य लोग मौजूद रहे।