ख़बरें NCR रिपोर्टर पंकज अरोड़ा,फ़रीदाबाद: 12 मार्च, “हरियाणा में डीएवाई–एनआरएलएम के तहत ग्रामीण महिलाओं का उद्यमिता विकास“ विषय पर सफल चर्चा के लिए दिल्ली-एनसीआर में प्रमुख शिक्षाविद् और शैक्षणिक संस्थान एक मंच पर एकजुट हुए। मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज (एमआरआईआईआरएस) ने आईसीएसएसआर के साथ साझेदारी करते हुए इस कार्यशाला का समन्वय किया। माइक्रोफाइनेंसिंग विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के बीच, गरीबी उन्मूलन और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए एक बेहतरीन साधन के तौर पर उभरी है । डीएवाई-एनआरएलएम योजना, एसएचजी के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं के बीच स्व-रोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा देने पर जोर देने के साथ ही उद्यमशीलता विकास पर माइक्रोफाइनेंसिंग के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए एक अनूठा संबंध प्रदान करती है।
इस कार्यशाला में शोध परिणामों के प्रसार, चर्चाओं के प्रोत्साहन और संभावित नीतिगत पहलुओं की पहचान करके शिक्षा और नीति निर्माण के बीच अंतर को पाटने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया। कार्यशाला का उद्देश्य हरियाणा में दीन दयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) योजना के तहत ग्रामीण महिलाओं के उद्यमशीलता विकास पर माइक्रोफाइनेंसिंग के प्रभाव, विशेष रूप से स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) पर जुटाए गए व्यवहारिक शोध के निष्कर्षों को पेश करना और इनपर चर्चा करना रहा।
मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च में आयोजित हुए कार्यक्रम में, हरियाणा में डीएवाई-एनआरएलएम योजना के तहत ग्रामीण महिलाओं के बीच उद्यमिता विकास से संबंधित प्रमुख विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। ये चर्चा डीएवाई-एनआरएलएम योजना की प्रासंगिकता, दक्षता, प्रभावशीलता, परिणाम, प्रभाव, स्थिरता, चुनौतियां व कार्य पद्धति की सिफारिशों पर आधारित रही।
कार्यशाला की शुरुआत परियोजना समन्वयक- डॉ. नंदिनी श्रीवास्तव और परियोजना निदेशक- डॉ. रश्मि सिंगल ने की। उन्होंने महिला उद्यमियों के लिए योजना के महत्व और इसकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला, जिससे कि वे ना केवल अपने लिए आजीविका के साधन चुन सकें, बल्कि भविष्य में भी उन्हें बनाए रखें। इसके बाद परियोजना निदेशक डॉ. वंदना गंभीर और डॉ. ऋचा नांगिया ने रिपोर्ट के परिणामों पर एक प्रेजेंटेशन पेश करते हुए चर्चा की।
एमआरईआई के महानिदेशक डॉ. एन.सी. वाधवा ने उपस्थित विभिन्न स्वयं सहायता समूहों की सभी महिलाओं का स्वागत किया। उन्होंने अपने अधिकारों के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं द्वारा किए गए संघर्ष के महत्व पर प्रकाश डाला, साथ ही इन अधिकारों के अभाव में उनके सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूक किया। उन्होंने संसद में महिला साक्षरता और महिलाओं के लिए आरक्षण कानून पर बात की। उन्होंने अनुसंधान परियोजना को समर्थन देने के लिए आईसीएसएसआर के प्रति आभार जताया, जोकि महिलाओं के कार्यान्वयन और उपलब्धियों पर प्रकाश डालेगा।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रहे आईपीएस डॉ. राजश्री सिंह (आईजी/प्रशिक्षण हरियाणा पुलिस अकादमी, मधुबन, करनाल, हरियाणा) ने अपने मुख्य भाषण में सामाजिक भेदभावों को तोड़ने