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IGNiTE 4.0: जयन्त चौधरी ने किया शुभारंभ

पंकज अरोड़ा की रिपोर्ट/दिल्ली-एनसीआर, 10 अक्टूबर 2025: भारत सरकार के माननीय कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा शिक्षा राज्य मंत्री जयन्त चौधरी ने कहा, “हर महीने लगभग दस लाख युवा हमारे कार्यबल से जुड़ रहे हैं। ऐसे में भारत को इस जनसांख्यिकीय लाभ का पूरा उपयोग समानता, समावेशन और अवसरों के माध्यम से करना होगा। हम सभी देख रहे हैं कि भारत तेजी से बदल रहा है – हमारे समाज का ढांचा ही परिवर्तित हो रहा है। महिलाएं अब असली परिवर्तनकारी के रूप में उभर रही हैं – खेल, उद्योग, स्टेम और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में वे न केवल स्वयं को, बल्कि अपने परिवारों और समुदायों को भी सशक्त बना रही हैं।” जयन्त चौधरी नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनएसडीसी) और मर्सिडीज़-बेंज इंडिया के बीच हुए एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) के हस्ताक्षर समारोह के अवसर पर बोल रहे थे, जिसके साथ “IGNiTE 4.0” कार्यक्रम का शुभारंभ भी किया गया।


जयन्त चौधरी ने कहा कि “सरकार का लक्ष्य केवल मोबिलिटी सेक्टर में ही 4.5 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करने का है, जिसमें से 90 लाख लोग इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) इकोसिस्टम में कार्यरत होंगे। वर्ष 2018 के ग्लोबल मोबिलिटी समिट से ही, प्रधानमंत्री के नेशनल मिशन ऑन ट्रांसफॉर्मेटिव मोबिलिटी के विज़न के तहत, भारत उद्देश्य और सटीकता के साथ ई-मोबिलिटी की दिशा में अग्रसर है। यह समय हमारे कौशल विकास और शिक्षा प्रणाली में अत्याधुनिक तकनीक के एकीकरण का आह्वान करता है। हमारे संस्थानों को लागत प्रतिस्पर्धा से आगे बढ़कर सोचना होगा – हमें इनोवेशन, प्रोडक्ट डेवलपमेन्ट और इन्टेलेक्चुअल प्रॉपर्टी क्रिएशन में अग्रणी बनना होगा।”


उन्होंने आगे कहा, “हाल ही में पीएम-सेतु के तहत किए गए ₹60,000 करोड़ के आवंटन के माध्यम से, हम लाखों युवाओं को राष्ट्रीय प्रमाणपत्र प्राप्त करने, आईटीआई प्रोग्रामों को आगे बढ़ाने और जॉब क्रिएटर बनने में सक्षम बना रहे हैं। इसी तरह हम आजीवन लर्निंग को प्रोत्साहित करके, सिलोज़ को समाप्त करके और भविष्य के लिए तैयार भारत का निर्माण करके कौशल विकास को प्रेरणादायक बना रहे हैं। मुझे खुशी है कि IGNiTE 4.0 जैसी पहल इस विज़न को आगे बढ़ा रही हैं और हमारे युवाओं को कल के उद्योगों को आगे बढ़ाने के लिए सशक्त बना रही हैं।”
“IGNiTE 4.0” का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि से आने वाले 1,000 युवाओं को भविष्य के लिए तैयार ऑटोमोटिव तकनीकों – विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) और इंडस्ट्री 4.0 में प्रशिक्षण देना है, जिसमें कम से कम 30% महिला सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। प्रशिक्षण दो एडवांस्ड स्किल डेवलपमेंट सेन्टर्स के माध्यम से आयोजित किया जाएगा, जिन्हें मानव रचना विश्वविद्यालय (दिल्ली-एनसीआर) और एमआईटी एडीटी विश्वविद्यालय (पुणे) में स्थापित किया जाएगा।
इस साझेदारी के तहत एक 12 माह का प्रोग्राम तैयार किया गया है, जिसका उद्देश्य भारत के युवाओं को तेज गति से बदल रहे ऑटोमोटिव इन्डस्ट्री के अनुरूप तैयार करना है। यह इन्डस्ट्री वर्तमान में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी), एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग और इंडस्ट्री 4.0 तकनीकों में अभूतपूर्व वृद्धि देख रही है। प्रशिक्षण महत्वपूर्ण जॉब रोल्स में प्रदान किया जाएगा, जैसे कि इलेक्ट्रिक व्हीकल सर्विस असिस्टेंट, ऑटोमोटिव क्वालिटी कंट्रोल असिस्टेंट, ऑटोमोटिव प्रोडक्ट टेस्टिंग टेक्नीशियन, और इंडस्ट्री 4.0 टेक्नीशियन।
मर्सिडीज़-बेंज इंडिया के ईडी एंड सीएफओ श्री एमराह ओएज़र ने कहा, “मर्सिडीज़-बेंज हमेशा से भारत के ऑटोमोटिव इकोसिस्टम और मानव संसाधन विकास को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध रही है। एनएसडीसी के साथ इस साझेदारी के माध्यम से, हम आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि से आने वाले प्रतिभाशाली युवाओं के लिए ऐसे प्रेरणादायक मार्ग तैयार कर रहे हैं, जिनसे वे भारत के तेजी से विकसित होते ऑटोमोटिव परिदृश्य में सार्थक भागीदारी कर सकें। यह पहल हमारी वैश्विक स्थिरता और सामाजिक उत्तरदायित्व के अनुरूप है, साथ ही यह इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और इंडस्ट्री 4.0 जैसी उभरती तकनीकों में कुशल प्रोफेशनल्स की बढ़ती मांग को भी पूरा करने की दिशा में एक सशक्त कदम है।”
यह प्रोग्राम केडमैन स्किलिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा और नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) के अनुरूप संचालित होगा। मूल्यांकन संबंधित सेक्टर स्किल काउंसिल्स द्वारा किया जाएगा, ताकि प्रशिक्षण में वैश्विक गुणवत्ता मानकों को सुनिश्चित किया जा सके।
यह व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम ऑटोमोटिव क्षेत्र के चार महत्वपूर्ण क्षेत्रों में स्पेशलाइज्ड कोर्स प्रदान करता है- इलेक्ट्रिक व्हीकल सर्विस असिस्टेंट, ऑटोमोटिव क्वालिटी कंट्रोल असिस्टेंट, ऑटोमोटिव प्रोडक्ट टेस्टिंग टेक्नीशियन, और इंडस्ट्री 4.0 टेक्नीशियन। सभी प्रशिक्षण स्किल इंडिया डिजिटल हब (सिद्ध) प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से प्रदान किए जाएंगे, जिससे मानकीकृत गुणवत्ता और प्रशिक्षण की समग्र ट्रैकिंग सुनिश्चित की जा सकेगी।
प्रोग्राम को तीन फेज़ में लागू किया जाएगा: पहले फेज़ में व्यापक आवश्यकता मूल्यांकन और सेन्टर्स की स्थापना, दूसरे फेज़ में गहन कौशल प्रशिक्षण और जॉब मैपिंग, और तीसरे फेज़ में प्लेसमेंट सपोर्ट एवं लगातार मेंटरिंग शामिल होगी। यह मेथडोलॉजी प्रतिभागियों के लिए दीर्घकालिक कैरियर विकास और टिकाऊ परिणाम सुनिश्चित करेगी।
तकनीकी प्रशिक्षण से आगे बढ़कर, इस पहल में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे, जिनमें परिवार जागरूकता कार्यक्रम और हितधारक सहभागिता शामिल हैं, ताकि महिलाओं की कार्यबल में भागीदारी को प्रोत्साहित किया जा सके। प्लेसमेंट टीम मॉक इंटरव्यू, व्यक्तिगत परामर्श और क्षमता-विकास के सेशन आयोजित करेगी, साथ ही उम्मीदवारों के स्किल सेट के अनुरूप नौकरियों का मिलान सुनिश्चित करेगी। प्रोग्राम में एक्सपोज़र विज़िट, उद्यमिता विकास और पोस्ट-प्लेसमेंट मार्गदर्शन भी शामिल होगा।


यह पहल भारत की 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के महत्वाकांक्षी विज़न को साकार करने की दिशा में एक ठोस कदम है। साथ ही, यह तेजी से बढ़ते ऑटोमोटिव सेक्टर की रोजगार सृजन क्षमता का लाभ उठाती है, जो 2026 तक 4.5 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार देने की ओर अग्रसर है। 2027 तक इलेक्ट्रिक वाहन बिक्री 90 लाख यूनिट्स वार्षिक से अधिक होने की संभावना है, जिससे 2030 तक 1 करोड़ प्रत्यक्ष और 5 करोड़ अप्रत्यक्ष नौकरियां सृजित होंगी। यह प्रोग्राम प्रतिभागियों को भारत के ऑटोमोटिव परिवर्तन के अग्रिम पंक्ति में स्थापित करने वाला है।
इस साझेदारी के माध्यम से, मर्सिडीज़-बेंज और एनएसडीसी उद्योग-शैक्षणिक संस्थानों-समुदाय के सहयोग के लिए नए मानक स्थापित कर रहे हैं, जिससे समावेशी आर्थिक भागीदारी के मार्ग प्रशस्त हो रहे हैं जो समावेशी आर्थिक भागीदारी के मार्ग खोलते हुए भारत की ऑटोमोटिव परिवर्तन यात्रा में स्किल गैप को पाटने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

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