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वेदों में परिवार को समाज की आधारशिला बताया गया है: यादवेन्द्र शास्त्री

पंकज अरोड़ा की रिपोर्ट फरीदाबाद: आर्य समाज सैक्टर 19 में परिवार मिलन कार्यक्रम पर विशेष यज्ञ, प्रवचन व भजनों का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न आर्य समाजों से आये आर्य परिवारों शामिल हुए।

यज्ञ पश्चात भजनोपदेशक यादवेन्द्र शास्त्री ने देश भक्ति गीतों और महर्षि दयानंद सरस्वती को समर्पित भजनों के माध्यम से उपस्थित जनों को राष्ट्र के प्रति दायित्वों का निर्वहन करते के लिए दयानंद सरस्वती के सिद्धांतो पर चलते हुए आर्य परिवार संरचना के महत्व को भजन के माध्यम से बताया

जिस घर में एक दूजे की बात जाये मानी ,

उस घर कभी न आये कोई भी परशानी ।।

आकाश में नहीं है स्वर्गों की कोई दुनियाँ ।

बेकार के भरम में भटकी हुई है दुनियाँ ।।

वही घर स्वर्ग है जिसमें होती है मधुरवाणी

उन्होंने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती के अनुसार, परिवार का महत्व अत्यधिक है। वेदों में परिवार को समाज की आधारशिला बताया गया है, और परिवार में माता-पिता, बच्चे, और अन्य सदस्य मिलकर एक मजबूत और स्वस्थ समाज का निर्माण करते हैं। परिवार में स्त्री-पुरुष के समान महत्व पर बल दिया है। परिवार में आपसी प्रेम, विश्वास, और सहयोग से ही एक स्वस्थ और खुशहाल समाज का निर्माण हो सकता है।

नारी परिवार की धुरी है, इसी कारण स्वामी स्वामी दयानन्द ने लिखा है, “एक पुरुष के शिक्षित और सुसंस्कृत होने का अर्थ है, अकेले उसी का उपयोगी बनना, किन्तु एक स्त्री यदि शिक्षित, समझदार और सुयोग्य हो तो समझना चाहिए कि पूरे परिवार के सुसंस्कृत बनने का सुदृढ़ आधार बन गया।

इस अवसर पर प्रधान डॉ गजराज सिंह आर्य ने परिवारों को सम्मानित किया और मंत्री रविंद्र तनेजा ने कार्यक्रम में शामिल समर्थन देने पर सबका विशेष आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में सुरेश आर्य, कोषाध्यक्ष, विमला ग्रोवर, वरिष्ठ उप प्रधान, कमला तनेजा महिला प्रधान, महेश चन्द आर्य, मदनलाल, वसु मित्र सत्यार्थी, अशोक गर्ग, राजन सिक्का, अशोक आर्य आदि शामिल हुए।

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