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मानव रचना में पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के लिए बुद्धिजीवियों ने रखे विचार

  •  पर्यावरण दिवस-2024 पर “सस्टेनेबिलिटी फॉर इन्वॉयरमेंट” पर जागरूकता व्याख्यान का हुआ आयोजन ,

  • शहर से उद्योगपतियों, महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों ने लिया भाग

खबरेंNcr रिपोर्टर पंकज अरोड़ा फरीदाबाद। 5 जून, 

मानव रचना शैक्षणिक संस्थान (एमआरईआई) में विश्व पर्यावरण दिवस पर डॉ. ओपी भल्ला फाउंडेशन और ईको क्लब फरीदाबाद की ओर से जागरूकता व्याख्यान का आयोजन किया गया। “सस्टेनेबिलिटी फॉर इन्वॉयरमेंट” थीम पर आयोजित हुए इस सेमिनार में शहर के उद्योगपतियों, आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति सजग और जागरूक बनाना ही कार्यक्रम का मकसद रहा।

कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए डॉ. ओपी भल्ला फाउंडेशन के वाइस चेयरमैन डॉ. एनसी वाधवा ने सभी वक्ताओं और अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने साल 1972 में स्टॉकहोम कांफ्रेंस के दौरान 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस घोषित किया था। इसका मकसद पर्यावरणीय स्थिति को लेकर मंथन करना और इसे बेहतर बनाने के प्रयासों पर चर्चा करना है। उन्होंने कहा कि जिस तरह पूर्वजों ने हमारे लिए प्राकृतिक संसाधन छोड़े थे, उसी तरह हमें भी भावी पीढ़ी के लिए संसाधन सहेजने का प्रण लेना होगा।

कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि रहीं आकांक्षा तंवर, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, बल्लभगढ़ ने कहा कि शहरीकरण, अंधाधुंध विकास और बढ़ती जनसंख्या प्राकृतिक संसाधन दोहन के मुख्य कारण हैं। हरियाली बढ़ाने के लिए मियावाकी तकनीक के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हर कोई आदतों में बदलाव कर पर्यावरण संरक्षण में सहयोग दे सकते हैं। कार पूलिंग, पानी का सदुपयोग, रिसाइकल और रियूज जैसी आदतें पर्यावरण संरक्षण में सहायक हैं।

ऑल इंडिया फोरम ऑफ एमएसएमई ((AIFOM)) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्याम सुंदर कपूर ने कहा कि पर्यावरण दूषित करने करने वालों के लिए सख्त सज़ा का प्रावधान होना चाहिए। उन्होंने सभी लोगों से जन्मदिन पर पौधे लगाने का संकल्प लेने की अपील की। संस्था के राष्ट्रीय महासचिव अनिल कुमार चौधरी  ने कहा कि उद्योग कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी (सीएसआर) के तहत पर्यावरण संरक्षण में सहयोग दे सकते हैं। एसोसिएट प्रो. डॉ. महक शर्मा ने सभी को सस्टेनेबल फूड व डाइट के बारे में जागरूक किया। डॉ. शिल्पी गुप्ता, साइंटिस्ट, केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए) ने  भूजल रिचार्ज के लिए रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम और बारिश के पानी को स्टोर करने के तरीकों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

ईको क्लब की अध्यक्ष नीता गुप्ता ने कहा कि छोटे-छोटे प्रयासों से हम जल संरक्षण में सहयोग दे सकते हैं। आरओ और एसी से निकलने वाला पानी घरेलू कामों में इस्तेमाल कर, दाल-चावल या सब्जियां धोने के पानी को सफाई में इस्तेमाल कर, कार धोने के लिए पाइप की जगह बाल्टी इस्तेमाल कर काफी पानी बचाया जा सकता है। डॉ. प्रीति राव, अध्यक्ष, बायो-एंजाइम एंटरप्रेन्योर्स एकेडमी ऑफ इंडिया ने लोगों को बायो एंजाइम की अहमियत के बारे में बताया। डॉ. निधि डिडवानिया, डायरेक्टर, मानव रचना औषधीय पादप रोग विज्ञान केंद्र (एमआरसीएमपीपी) ने उपस्थित लोगों को औषधीय पौधों के बारे में जानकारी दी। साथ ही पौधों के स्वास्थ्य लाभों के बारे में बताते हुए इनकी सही देखभाल की जानकारी भी दी। ईको क्लब से शालिनी अग्रवाल और सोनाली सारस्वत ने सस्टेनेबल इलेक्ट्रिसिटी और कचरा प्रबंधन के बारे में जागरूक किया। मोटिवेशनल स्पीकर डॉ. पंकज ग्रोवर ने कहा कि लोगों को अपने अधिकारों के साथ कर्तव्यों के बारे में भी जागरूक होना होगा।

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