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जश्न-ऐ फरीदाबाद 3 का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना से किया गया।

खबरेंNcr रिपोर्टर पंकज अरोड़ा फरीदाबाद: 03 दिसंबर, साहित्य कला और संस्कृति के प्रचार-विकास में समर्पित फरीदाबाद साहित्यिक एवं सांस्कृतिक केंद्र (एफ एल सी सी) के तत्वाधान में दो दिवसीय साहित्यिक और सांस्कृतिक उत्सव का तीसरा संस्करण जश्न-ए-फरीदाबाद-3 के भव्य आयोजन और फरीदाबाद पुस्तक मेले का उदघाटन जे सी बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय वाईएमसीए फ़रीदाबाद में मुख्य अतिथि प्रोफ़ेसर एस. के. तोमर, कुलपति जेसी बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय वाईएमसीए फ़रीदाबाद द्वारा दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना से किया गया।

एफ एल सी सी के संस्थापक सदस्यों ने मुख्य अतिथि और उपस्थित साहित्य और कला प्रेमियों का स्वागत किया। संस्था के अध्यक्ष विनोद मलिक ने अपने स्वागत भाषण में बताया कि तीन साल करोना महामारी के अंतराल के बाद सांस्कृतिक एवं संस्कृति के संगम जश्ने-फरीदाबाद-3 का यह आयोजन किया जा रहा है। संस्था का उदेश्य साहित्य और संस्कृति की समृद्ध विरासत और साहित्य-संस्कृति प्रेमियों को करीब लाना है।

आमंत्रित अतिथि शंभु नाथ शुक्ला ने प्राचीन सांस्कृतिक मूल्यों की वर्तमान प्रासंगिकता विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि आज लोग किताबों से दूर और मिथ्य तथ्यों से भरे सोशल मिडिया से जुड़ते जा रहे हैं परिणामस्वरूप समाज में पारिवारिक मूल्यों का ह्रास हो रहा है।

मुख्य अतिथि प्रोफ़ेसर एस. के. तोमर ने उदघाटन संबोधन में सबका स्वागत करते हुए कहा कि रामायण, महाभारत में हमें आदर्श जीवन यापन का महत्व बताने के लिए काफी है। एफ एल सी सी अपने कार्यक्रमों के माध्यम से एक आदर्श समाज

जीवा इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष डा. ऋषिपाल ने प्रोफ़ेसर एस. के. तोमर को उनके सहयोग के लिए आभार प्रकट किया और कहा कि आज हमें समाज में नैतिक और सामाजिक मूल्यों के संरक्षण की बहुत आवश्यकता है।

कार्यक्रम के प्रथम सत्र में तृतीय जीवा अंतर विद्यालय चित्रकला प्रतियोगिता में पब्लिक विद्यालय एवं सरकारी विद्यालय तथा गैर -सरकारी (एनजीओ) द्वारा संचालित विद्यालय के विद्यार्थियों ने भाग लिया और बच्चों की प्रतिभा को बहुत सराहा गया।

‘बदलती हुई पत्रकारिता’ पर र्चचा की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार अमरनाथ बागी ने की और शंभु नाथ शुक्ला से पत्रकारिता पर उनके अनुभवों और योगदान पर बिजेन्द्र बंसल, अध्यक्ष, सिटी प्रेस क्लब ने बहुत ही प्रभावी ढंग से बातचीत की। शंभु नाथ शुक्ला ने कहा ईमानदार, व्यवस्था के खिलाफ खड़ा होकर निर्भीक निष्पक्ष पत्रपत्रकारिता की आवश्यकता है। मीडिया हाऊस व्यवस्था से समझोता करता है पर पत्रकार नहीं। गलैमर के बदले संघर्षं के पीछे की असलीयत जानना आवश्यक है

अभिषेक देशवाल द्वारा निर्देशित, देश भक्ति से भरपूर प्रसिद्ध लाईट और साऊंड नाटक आज़ादी का अमृत महोत्सव ‘मैं हूँ भारत’ का सफल और प्रभावी मंचन श्रोताओं के मन को छू गया।

प्रथम दिवस के कार्यक्रम का समापन शाम-ए-गजल से हुआ। मशहूर गजल गायक जसविंदर सिंह ने अपनी गजलों से समा बांध दिया। मधुर गजलों से श्रोता मंत्रमुग्ध हो गये।

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