फरीदाबाद: 15 नवंबर, कौन कहता है कि आसमान में सुराग हो नही सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो इस कहावत को चरितार्थ करके दिखाया मॉडल संस्कृति सेक्टर 55 के कक्षा 1st के छात्र जिगर माथुर ने 14 नवम्बर बाल दिवस पर राजस्थान में आयोजित हुए विशेष सत्र *बच्चो की सरकार कैसी हो* पर अपने विचार रखें।
75वे आजादी के अमृतमहोत्सव के मौके पर रविवार को बालदिवस पर राजस्थान विधानसभा में बालसत्र का आयोजन किया गया देश के 15 राज्यों से बच्चों को बुलाकर बाल सत्र आयोजित कर इतिहास बनाया गया जिसमे 5500 बच्चो में से 200 बच्चो को उनकी प्रतिभा को देखकर चुनाव किया गया विधानसभा अध्यक्ष डॉ सी. पी.जोशी जी ने सभी बच्चो को टास्क दिये थे जिगर का चयन राजस्थान सरकार की ओर से किया गया है, कार्यक्रम में राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, विधानसभा अध्य्क्ष, लोकसभा अध्य्क्ष ओम बिड़ला मौजूद रहे जिगर माथुर की माता हिना माथुर ने बताया कि कोरोना काल मे जब बच्चे घर से बाहर नही निकल पा रहे थे तब LIC की तरफ से बच्चो के लिए बच्चो की सरकार कैसी हो? प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
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जिसमे जिगर ने भी हिस्सा लिया ओर अपने विचार भेजे कि हमारे जो सरकारी दस्तावेज होते है उसमें हमारे पिता का नाम होता है माता का नाम नही होता जबकि माँ बच्चो को पाल पोस् के इतना बड़ा करती है, जहाँ महिलाएं हर क्षेत्र.में आगे है फिर भी माता का नाम क्यो नही होता साथ ही जिगर माथुर ने ये भी कहा कि मैं ऐसा नही चाहता कि सिर्फ माँ का नाम हो बल्कि एक बच्चे पर माता पिता का सामान अधिकार होता है तो दोनों का नाम होना चाहिये जिगर के इन विचारों को सुनकर सभी ने बहुत सराहना की जिसमे फरीदाबाद का नाम रोशन करते हुए जिगर माथुर को विधानसभा में अपनी बात रखने का मौका दिया गया जिगर ने न सिर्फ महिलाओं के लिए मुद्दा उठाया बल्कि सभी के हित के लिए प्रदेश में बच्चो से जुड़े मुद्दों पर भी अपनी बात कही बच्चो की खुशी का ठिकाना नही रहा जब लोकसभा अध्य्क्ष ओम बिड़ला ने इन्हें एक दिन लोकसभा में कार्यवाही करने का आदेश दिया बच्चों ने विधायकों की तरह जनता से जुड़े असली सवाल पूछे जो विधानसभा के प्रश्नकाल में पूछे जाते हैं। सवालों का मंत्री बने बच्चों ने पूरे आत्मविश्वास से जवाब दिया। कार्यक्रम के बाद सभी बच्चो को प्रशस्ति पत्र, बैग, ओर मोमेंटो दिए।