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महापंचायत सामाजिक कार्यक्रम है कोई राजनैतिक नहीं: महेन्द्र प्रताप सिंह

लोगों की रक्षा के लिए समाज के लोग महापंचायत में पहुंचे: महेन्द्र प्रताप सिंह

सरकार सुप्रीम कोर्ट में सही तथ्य रखे ताकि लोगों को उजडऩे से बचाया जा सके: महेन्द्र प्रताप सिंह

सारा बवाल मिस हैंडलिंग का है मौजूदा जनप्रतिनिधियों का सरकार चलाने का तरीका ठीक नहीं: महेन्द्रप्रताप सिंह

पंकज अरोड़ा की रिपोर्ट/फरीदाबाद: 13 जुलाई को सूरजकुण्ड पर होने वाली महापंचायत को लेकर फरीदाबाद लोकसभा से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ चुके पूर्व मंत्री चौधरी महेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा है कि 1200 साल से बसे हुए गांव अनंगपुर , २०१५ में पास की गई शिव दुर्गा बिहार कॉलोनी और ५० वर्षों से बसी हुई नहेरू कालोनी सहित लगभग 10 हज़ार मकानों पर तोडफ़ोड़ की तलवार लटकी हुई है। लाखो लोगों को उजडऩे से बचाने के लिए सामाजिक महापंचायत की जा रही है ,महापंचायत कोई राजनैतिक पंचायत नहीं है किसी पार्टी की नहीं है।

उन्होंने समाज के लोगों से अपील की कि महापंचायत में पहुंच कर लोगों की मदद करें। उन्होंने कहा कि सारा बवाल मिस हैंडलिंग का है उन्होंने फॉरेस्ट ऐक्ट के बारे में जानकारी देते हुए बताया की कि केन्द्रीय एवं राज्य सरकार द्वारा अरावली पर्वतमालाओं में लोगों के मकानों के रखाव ,जीविका चलाने ,माइंनिग हो , प्राकृतिक तालमेल बिठाने के उददेश्य से 1992 में 30 सालों के लिए 4500 एकड़ जमीन में से 1467 एकड़ में पीएलपीए एक्ट लाया गया। पर्वत श्रृखलाओं में हजारों सालों से बसे लोग पशु पालन एवं बाद में माइनिंग आदि से अपनी जीविका चलाते आ रहे हैं और प्राकृति और इंसानी आबादी का तालमेल बैठाने लिए 3000 हजार एकड़ जमीन को गांव वालो के इस्तेमाल के लिए छोड़ दिया गया।

पीएलपीए एक्ट 2022 में खत्म हो गया और अब सुप्रीम कोर्ट 30 साल से आगे पीएलपीए एक्ट को बढ़ाता है तब भी 3 हज़ार एकड़ जमीन पर पीएलपीए एक्ट नहीं लगता ,2014 में जब भूपेंद्र हूडा सरकार में वह मंत्री थे तो शिवदुर्गा विहार को स्थाई किया गया था ,उसे कैसे वन क्षेत्र का हिस्सा मान लिया गया है। जिसके चलते नोटिस दिए जा रहे हैं । इन सबको बचाने की जिम्मेवारी सरकार की है जनप्रतिनिधियों सांसद, विधायक की है कि वह सही तथ्य सुप्रीम कोर्ट में रखे । सरकार ने सही तथ्य सुप्रीम कोर्ट में रखे होते तो आज लाखो लोगों के आशियानों पर तोडफ़ोड़ की तलवार न लटकी होती। मुख्यमंत्री किसानों ,कमेरों , जमीन से जुड़े हुए नेता प्रतीत होते हैं मैं उन्हें मशविरा देता हूँ और मांग भी करता हूँ कि सरकार भूल सुधारे और उजड़े हुए लोगों को मुआवजा दिलाए लोग उजडऩे न पांए, लोगों की रक्षा की जाए। अनंगपुर संघर्ष समिति के अध्यक्ष अत्तर सिंह नेता जी ने सभी से अपील की है कि हमारे ग्राम अनंगपुर पर एक भारी विपत्ति आन पड़ी है। वन क्षेत्र के नाम पर लगभग 20 हजार से अधिक आबादी और 1300 साल से अधिक पुुराने एतिहासिक गांव को उजाड़ा जा रहा है। हमारे घर और आजीविका के साधन और पीढिय़ों की पहचान सब पर संकट है। गंभीरता को देखते हुए रविवार 13 जुलाई 2025 को प्रात: 10 बजे स्थान सूरजकुण्ड गोल चक्कर पर एक राष्ट स्तरीय सर्व समाज 36 बिरादरी की महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है इसका उददेश्य हमारी रक्षा हेतू सशक्त रणनीति बनाना है। सभी निवेदन है कि इस महापंचायत में पधार कर हमारे मनोबल को बढाए और हमारा मार्गदर्शन करे।

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