खबरेंNcr रिपोर्टर पंकज अरोड़ा फ़रीदाबाद: 10 मार्च, फरीदाबाद के विभिन्न आर्य समाज एन एच नंबर 4, एन आई टी 3 नंबर, सैक्टर 7, सैक्टर 15 के तत्वावधान में महर्षि दयानंद सरस्वती का बोध दिवस बहुत धूमधाम से मनाया गया। आर्यजनों ने हवन यज्ञ कर महर्षि के आदर्शो को आत्मसात करने का संकल्प लिया तथा वक्ताओं ने महर्षि के व्यक्तित् उनके राष्ट्रीय, सामाजिक और नारी उत्थान में महत्त्वपूर्ण योगदान अपने विचार व्यक्त किये।
इस अवसर पर सैक्टर 10 आर्य समाज के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में प्रख्यात भजनोपदेशिका सुश्री कल्याणी आर्या ने अपने मधुर व प्रेरक भजनों के माध्यम से महर्षि के उपकारों और विश्व कल्याण में योगदान को याद किया।
आचार्य संजय याज्ञिक ने अपने उद्बोधन में बताया कि आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती को महाशिवरात्रि के दिन अंतर चक्षु आत्मिक ज्ञान की प्रेरणा जागृत हुई थी। उन्होंने बहिर्मुखी उपासना के बजाय अंतर्मुखी निराकार निर्गुण परमेश्वर की उपासना पर विशेष बल दिया और देश में 1875 में आर्य समाज की स्थापना की उन्होंने नारा दिया कि वेदों की तरफ लोटो इसका असर देश के राष्ट्रीय चेतना पर व्यापक रूप से पड़ा और देश धार्मिक चेतना के साथ-साथ राजनीतिक और सामाजिक चेतना के क्षेत्र में भी अग्रसर हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि आर्य समाज ने भारत में राष्ट्रवादी विचारधारा को आगे बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण योगदान किया है। आर्य समाज उन श्रेष्ठ और प्रगतिशील लोगों का समाज माना जाता है जो वेदों के अनुकूल चलने का प्रयास करते हैं, दूसरों को उस पर चलने को प्रेरित करते हैं। इस अवसर पर उन्होंने वेद प्रचार वाहन का भी उद्घाटन किया।
इस अवसर पर चौधरी राजेंद्र सिंह बीसला, मदन लाल तनेजा, सुभाष ग्रोवर, नंदलाल कालरा, गिरधारी लाल मित्तल, रघुवीर शास्त्री, महेश चंद गुप्ता, वसु मित्र सत्यार्थी, योगेंद्र फोर, कर्मचंद शास्त्री, आनंद महता, निष्ठाकर आर्य, सतीश कौशिक, संजय सेतिया, डा. गजराज सिंह आर्य, डा. हरिओम शास्त्री, सुरेश शास्त्री, जितेंद्र सरल, बिमला ग्रोवर, शान्ता अग्रवाल, इन्द्रा शर्मा, ज्योति सिंघल,कनिका बीसला, राजबाला सरदाना, मौजूद रहे।