KhabarNcr

भारत माता तूं देवों की जननी तेरा वेदों से नाता

*भारत माता तूं देवों की जननी तेरा वेदों से नाता*

खबरेंNcr रिपोर्टर पंकज अरोड़ा फरीदाबाद: 22 अगस्त, आर्य समाज (सैंट्रल), सैक्टर 15 के तत्वाधान में आयोजित चार दिवसीय वेद प्रचार कार्यक्रम के समापन समारोह में महायज्ञ के मुख्य यजमान प्रसिद्ध उद्योगपति नवदीप चावला रहे।

विदुषी भजनोपदेशका आचार्या अंजलि आर्या (करनाल) ने अपने भजनों व प्रवचन के माध्यम से कहा कि आधुनिकता की होड़ में हम संस्कृति, संस्कार व शिष्टाचार को भूलते जा रहे हैं। हमें आधुनिक बनना चाहिए, लेकिन अपने संस्कारों को नहीं भूलना चाहिए। महाऋषि दयानंद का मानना था कि बच्चों में शिष्टाचार व नैतिक संस्कारों का बीजारोपण तो अपने पारिवारिक माहौल में ही होता है। संस्कारों और मर्यादाओं की पालना करते हुए माता कौशल्या की आज्ञानुसार वनवास जाने के कारण ही प्रभु श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाये। वेद आधारित संस्कारी, आदर्श महापुरुषों और देवों की जन्मस्थली भारत को शत् शत् नमन। आधुनिक भारत के निर्माता, वेदों के पुर्नउद्धारक और आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती की 200 वीं जयंती पर उनके विचारों पर चलने का संकल्प लें और प्रेरणास्रोत के रूप में कहा:

युद्ध कहां तक टाला जाए

द्वंद् कहां तक पाला जाए

तू भी हैं राणा का वंशज

फेंक जहाँ तक भाला जाए

कार्यकारी प्रधान डा. हरिओम आर्य और संयोजक विजय भूषण आर्य ने सब का धन्यवाद किया।

कार्यक्रम में सुकीर्ति चावला, अंकित आर्या, योगाचार्य देवराज आर्य, शिव कुमार टुटेजा, नंद लाल कालरा, वसु मित्र सत्यार्थी, सुधीर कुमार बंसल, कर्मचंद शास्त्री, आई जे गिरधर, कुलभूषण आर्य, कांता गोगिया, आशा पंडित व विमला ग्रोवर विशेष रूप से उपस्थित रहे।

 

 

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

You might also like

You cannot copy content of this page