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समाज में नग्नता सामाजिक मूल्य एवं नीतियों के ह्रास का एक बड़ा कारण है: डां. निक्की डबास

समाज हित में : 19 अक्टूबर, आज उन महिलाओं की परिभाषा लिखेंगे जिन्होंने समाज के बच्चों का भविष्य खराब करने की पूरी तैयारी कर ली है हालांकि अपनी रोजी-रोटी आराम से चलाने के लिए आसान रास्ते कुछ महिलाओं ने शुरुआत से ही अपनाए हैं मगर उसकी विपरीत परिवार और समाज का आदर्श सिर्फ वही औरतें होती हैं जो अपने परिवार को धरती की तरह पोषण देती हैं I तो बच्चों अगली बार से किसी स्त्री को उसके लिपस्टिक मेकअप सैंडल और कपड़ों से मत लगाइए क्योंकि जिन के फॉलोअर्स बहुत ज्यादा है जरूरी नहीं कि वह समाज के लिए आदर्श ही होंगी ऐसी अनेकों महिलाएं हैं जो शारीरिक नग्नता प्रदर्शन के कारण भी जनसंख्या के बहुत बड़े भाग द्वारा फॉलो की जाती हैं और यह वह जनसंख्या है जो ना शिक्षित है न सभ्य है I पर आगे भी यह जनसंख्या वृद्धि का एक कारण है एंटरटेनमेंट करनी वाली भी और एंटरटेनमेंट उपभोक्ता भी I ऐसी महिलाएं समाज के सस्ते निकम्मे घटिया लोगों का जिनकी भीड़ बहुत बड़ी है मनोरंजन हो सकती हैं आदर्श नहीं I

समाज का आदर्श आज भी वही महिलाएं हैं जिन्होंने अपने बच्चों को अपने परिवार को अपने समाज को सकारात्मक महत्व दिया है I

यह सत्य है महिलाओं को घरेलू कार्य एवं परिवार सहित ने की जिम्मेदारी पूर्व काल से है शारीरिक क्षमता एवं पथिक कुशलता के आधार पर एक स्त्री परिवार को बहुत विलक्षणता के साथ संभालती है साथ ही परिवार परिवार से जुड़े रिश्तेदार एवं समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को भी कुशलतापूर्वक निर्वहन करती है लेकिन जैसे-जैसे समाज आधुनिकता की ओर बढ़ रहा है वैसे वैसे महिलाओं ने अपने आप को मनोरंजन का साधन समझ लिया है बात कला तक तो ठीक है लेकिन कला की आड़ में शारीरिक अभद्रता एवं नग्नता एक असामाजिक कृत्य है आज औरतों में एक होड लग चुकी है एक दूसरे से कम से कम कपड़े पहनने की अधिक से अधिक असभ्य दिखने दिखाने वाले भाव भंगिमा ओं के द्वारा लाइमलाइट में रहने की ऐसी महिलाएं जो इजी मनी टारगेटेड होती हैं यदि उनसे पूछा जाए कि क्या आप अपने बच्चों को भी अपने जैसा बनाना चाहेंगे तो उनके अक्सर जो उत्तर आते हैं वह इस प्रकार होते हैं कि हम बहुत मजबूर हैं लेकिन उनकी प्रोफाइल से तो वह किसी एंगल से मजबूर दिखती नहीं है महंगे शौक बड़ी गाड़ियां और बेतहाशा नंगापन सड़कों एवं सार्वजनिक स्थलों पर बेहूदा हरकतें अगली पीढ़ी का भी बौद्धिक वशीकरण कर रही हैं I

स्वतंत्रता और स्वच्छता के नाम पर नंगापन समाज में परोस कर यह महिलाएं क्या साबित करना चाहती हैं इस पर विचार करने की आवश्यकता है I

हो सकता है कि कुछ व्यक्ति उनको सपोर्ट करते हैं या कुछ महिलाएं भी सपोर्ट करती हूं क्योंकि उनका कुछ ना कुछ तो मकसद है जैसे फिल्म इंडस्ट्री एंटरटेनमेंट वर्ल्ड से जुड़े प्रड्यूसर तो चाहेंगे की लड़कियां जितनी कम कपड़ों में दिखेंगी पब्लिक उतनी अट्रैक्ट होगी तो निसंदेह वह लोग इसे बुरा नहीं कहेंगे लेकिन समाज को उसे सही समझना है किस हद तक लागू होने देना है या नहीं देना है यह समाज को एक बार जरूर विचार करना चाहिए I

हम जिस देश में रहते हैं उसमें प्राचीन काल से संयम त्याग तप और आधुनिक काल में कौशल विकास वैज्ञानिक एवं तकनीकी शिक्षा पर जोर दिया जाता है बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे नारे लगाए जाते हैं स्त्री शिक्षा पर बल दिया जाता है स्त्री स्वास्थ्य को लेकर अभियान चलाए जाते हैं फिर यह कौन सी स्त्रियां हैं जो समाज में जहर घोल रही हैं अर्धनग्न होकर शरीर की नुमाइश करके समाज को सिर्फ एक ही ज्ञान पढ़ाना चाहती हैं और अपना उल्लू सीधा करना चाहती हैं यह उल्लू कई प्रकार के होते हैं एक फाइनेंस दूसरा अटेंशन तीसरा जान पहचान आज के हालात यह हैं कि जितने लोग अर्धनग्न मनोरंजन क्षेत्र में काम करने वाली एवं पोर्न स्टार जिनकी संख्या लगातार बढ़ रही है I लेकिन शर्म आती है उन लोगों पर जो इस देश की उन बेटियों को कभी रोल मॉडल नहीं समझते जो अनुसंधान वैज्ञानिक है जो पायलट हैं जो राजनीतिज्ञ हैं जो उच्च कोटि की शिक्षिकाएं हैं चिकित्सक है सर्जन है और न जाने किन किन विभागों में उच्च पदों पर आईएएस आईपीएस हैं जो देश संभालती हैं जो समाज को चलाती हैं जो दिन रात मेहनत करती हैं बावजूद अपनी सभी व्यवसायिक जिम्मेदारियों के अपने परिवार और समाज के लिए आदर्श बनती हैं उनके तप तपस्या और त्याग को दिखाने की वजह अर्धनग्न होकर घूमने वाली महिलाओं को सेलिब्रिटी कहने वाले लोगों को शर्म आनी चाहिए I

जो खुद ही खुद को दूसरों के मनोरंजन का माध्यम समझती हैं तन के साथ-साथ मन की मर्यादाओं का उल्लंघन करते हैं वह महिलाएं समाज से इज्जत की उम्मीद ना करें इस प्रकार की सोच रखने वाली महिलाएं शरीर को नुमाइश की वस्तु समझने वाली महिलाएं समाज के मनोरंजन का साधन हो सकती हैं आदर्श कभी नहीं।

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