खबरेंNcr रिपोर्टर पंकज अरोड़ा फरीदाबाद:20अक्टूबर, सेक्टर-14 के डीएवी पब्लिक स्कूल में हो रही श्री श्रद्धा रामलीला कमेटी द्वारा रामलीला के मंचन के तीसरे दिन राम अपनी माता कौशल्या के पास वन जाने की आज्ञा लेने गये तो माता सीता और लक्ष्मण ने भी साथ वन में जाने की जिद करने लगे लेकिन तमाम संवादों के बाद श्री राम लक्ष्मण और सीता को वन में साथ ले जाने को राजी हुए और वनवास जाने के लिए माता सुमित्रा के पास उनकी आज्ञा लेने का संवाद बहुत ही मार्मिक रहा।
यह सब दृश्य देखकर व संवाद सुनकर कि श्री राम के साथ सीता और लक्ष्मण भी अयोध्या छोड़कर वनवास के लिए जा रहे है तो उन्हें श्रवण के माता-पिता द्वारा दिया गया श्राप याद आया कि किस प्रकार श्रवण के माता-पिता ने राजा दशरथ को श्राप दिया था कि *जिस प्रकार हम अपने पुत्र के वियोग में तड़प तड़प कर मर रहे है वह भी अपने पुत्र के वियोग में तड़प तड़प कर मरेगा* इसी क्षण को याद करते ही राजा दशरथ अपने प्राण त्याग देते है।
श्री श्रद्धा रामलीला के मंचन पर राम ओर केवट का मिलान भी दर्शाया गया तत्पश्चात भरत और शत्रुघ्न का अपने ननिहाल कैकई देश से वापिस आकर अपनी माता रानी कैकई के हुए संवाद को भी कलाकारों ने बखूबी से निभाया गया है।
भरत अपनी माता से नाराज होकर अपने बड़े भैया राम को मनाने और अयोध्या वापिस लाने के लिए चित्रकूट को रवाना हो जाते है।
श्री श्रद्धा रामलीला के कलाकारों द्वारा निभाए गए दृश्य को जनता का खूब प्यार और आशीर्वाद मिल रहा हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुकी श्री श्रद्धा रामलीला कमेटी के सभी कलाकार अपना-अपना शिद्दत से निभाते आ रहे है।