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श्री श्रद्धा रामलीला के मंच पर राम, सीता और लक्ष्मण को हुआ वनवास

पंकज अरोड़ा की रिपोर्ट फरीदाबाद: 08अक्टूबर, सैक्टर 12 में श्रद्धा रामलीला कमेटी के मंच पर भीगे अश्रु से राम, सीता और लक्ष्मण को वनवास भेजा गया इस प्रसंग को देख सभी की आंखें नम हो उठी।
आपको बता दे कि रामलीला के पांचवें दिन राम कौशल्या संवाद,


ये सित का धमव है, रखना पित के मान को ।
धमव है माता का रखना, धार्तमक सन्तान को ।।
अज मेरे बन गमन में, जो रूकावट अयेगी ।
तो पित और पुत्र को मां, तू पितत कर जायेगी
वंही सीता कहती है:
आप से हो कर जुदा, मुझसे जिया न जायेगा ।
सौगन्ध है प्रभु अपकी, ऄन्न जल दकया न जायेगा ।।
चान्द िबन देखे चकोरी, चैन कै से पायेगी ।
छोड़ कर जाओगे प्रीतम, जानकी मर जायेगी ।।
लक्ष्मण सुमित्रा संवाद जैसे दृश्य देखने को मिले, इसके बाद जब राम, सीता और लक्ष्मण के वनवास जाने का दृश्य दिखाया गया। इसके बाद कैसे दशरथ राम के वियोग में प्राण छोड़ देते है।

बीच में राम और केवट का प्रसंग दिखाया गया जिसमें राम कहते है

तू जग मल्लाह मै नाव मल्लाह, है नाम एक तकदीरें दो ।
तू क्षत्री राज मैं निखाद राज, है वतन एक जागीरें दो ।।
तू ऄवधवासी मैं बनवासी, है मागव एक लकीरें दो ।
तू सुख रािि मैं ऄिभलाषी, ऄिवनािी एक तामीरें दो ।।
तू भग्त मैयत मैं जगत मैयत, िुभ रीत एक जंजीरे दो ।
तू धनुषधारी मैं बांस धारी िुद्ध काठ एक तदवीरें दो ।।
तू सुख भंजन मैं दुख मण्डन, भय भंजन एक तासीरे दो ।
तू जगन्नाथ मैं नाथ ऄनाथ, है साथ एक तस्वीरें दो ।।

 


जब भरत को ननिहाल में बुलावा भेजने के बाद भरत और शत्रुघ्न अयोध्या आते है तो भरत और कैकेई के संवाद ने आंखों में आंसू ला दिए।

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दरो दीवार रोते हैं, नगर में िोक छाया है ।
विधाता अज क्या मंजर, आन अँखों को ददखाया है ।।
जहां रौनक थी लोगों की, वहां ईल्लू चहकते हैं ।
रची है अज क्या रचना, प्रभु ये कै सी माया है ।।
ज़िगर बैचेन है मेरा, यहां की देख कर हालत ।
ददले बेताब ने सबरो िकूँ , सारा गंवाया है ।।
तड़प ही हर घड़ी ददल और, ज़िगर में होती है पैदा ।
न जाने अज क्या मन्हस, दकस्मत ने ददखाया है ।।
उसके बाद भरत और कौशल्या के दृश्य देखने को मिला जो एकदम बेहतरीन प्रसंग था।
मुख्य भूमिका में: राम – कुणाल चावला, लक्ष्मण- साहब खरबंदा, सीता – योगंधा वशिष्ठ, कौशल्या-दिव्या वशिष्ठ
सुमित्रा – रुशाली ग्रोवर, केकैयी – मोनिक भाटिया, भरत – यश चंदना, शत्रुघ्न – प्रणव, कवट – शैलेन्द्र गर्ग, केवट पत्नी – रजनी भारद्वाज,  केवट के सहयोगी- रोहताश सैनी, मनोज नरूला, अभिनव, अक्षित, सुरेश सतीजा, संजीव भसीन और गुरु वशिष्ट की भूमिका में मुकेश वशिष्ट नजर आए।

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