खबरेंNcr रिपोर्टर पंकज अरोड़ा फरीदाबाद: 25 जून, आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा, आर्य वीर दल फरीदाबाद मंडल एवं गुरूकुल इंद्रप्रस्थ मैनेजिंग कमेटी के संयुक्त तत्वाधान में शिविर व्यवस्थापक आचार्य ऋषिपाल तथा शिविराध्यक्ष डा. स्वामी देवव्रत सरस्वती, प्रधान संचालक सत्यवीर आर्य के मार्गदर्शन में 2 से 16 जून तक आयोजित 15 दिवसीय ‘सार्वदेशिक आर्य वीर दल राष्ट्रीय शिविर’ का समापन 16 जून को हुआ जिसमें विभिन्न प्रांतो के आर्य वीरों ने भाग लिया।
दूसरे चरण में 16 से 23 जून तक आयोजित ‘सार्वदेशिक आर्य वीरांगना दल शिविर’ में प्रशिक्षण प्राप्त करने आई आर्य वीरांगनाओं को शाखानायक, उप व्यायाम शिक्षक, व्यायाम शिक्षक श्रेणी का शारीरिक, बौधिक, प्राथमिक चिकित्सा एवं यज्ञ प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान उनके रहने खाने और अन्य दिनचर्यों की उचित व्यवस्था का प्रबंधन गुरुकुल द्वारा किया गया।
समापन समारोह में आर्य वीरांगनाओं ने शिविर में प्राप्त विभिन्न प्रशिक्षण, शारीरिक व्यायाम, जूडो, कमांडो ट्रेनिंग, आत्म सुरक्षा के विभिन्न तरीकों, बौधिक, मंत्रोच्चारण, कविता पाठ, देशभक्ति गीतों के प्रदर्शन को उपस्थित लोगों ने बहुत सराहना की।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जितेंद्र भाटिया, प्रांत प्रमुख, आर्य वीर दल, उत्तर प्रदेश ने वीरांगनाओं को पुरस्कृत कर उनका मनोबल बढ़ाया और उत्साहवर्धन किया। उन्होंने एमडीएच के चेयरमैन महाशय राजीव गुलाटी की तरफ से गुरुकुल इंद्रप्रस्थ व शिविर के लिए भरपूर सहयोग किया।
विशेष अतिथि, अशोक बघेल, जिला शिक्षा अधिकारी, फरीदाबाद, ने वीरांगनाओं के प्रदर्शन और देश के प्रति समर्पण भाव और जोश की सराहना करते हुए कहा कि सरकार के बेटी बचाओ, बेटी पढा़ओ अभियान से देश की रक्षा और प्रगति में बेटियों की सहभागिता सुनिश्चित कर रही है।
गुरुकुल के आचार्य ऋषिपाल ने शिविर के सफल आयोजन में विभिन्न सहयोगियों को तन मन धन से सहयोग करने के लिए आभार प्रकट करते हुए वीरांगनाओं के समर्पण और लगन से प्रशिक्षण प्राप्त करने पर अपना आर्शीवाद व शुभकामनाएं दी तथा प्रशिक्षकों द्वारा वीरांगनाओं के व्यक्तित्व विकास में महत्वपूर्ण योगदान की सराहना करते हुए शिविर समापन की घोषणा की।
इस अवसर पर मनीषा आर्य, मीनू आर्य, विदूषी श्रुति सेतिया, नर्वदा शर्मा, विनय आर्य, महामंत्री आर्य प्रतिनिधि सभा दिल्ली, सत्य वीर शास्त्री संचालक, सार्वदेशिक आर्य वीर दल, धर्मेंद्र जिज्ञासु, संजय आर्य, योगेंद्र फोर, कर्मचंद शास्त्री, वसु मित्र सत्यार्थी, देशबंधु आर्य, निष्ठाकर आर्य, सतीश कौशिक, होती लाल आर्य, कुलभूषण सखुजा व बड़ी संख्या में विभिन्न आर्य समाज, सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों तथा बच्चे उपस्थित रहे।