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विदेशी प्रतिनिधियों ने विजेताओं को सम्मानित किया
मानव रचना यूनिवर्सिटी में सस्टेनेथॉन लीप हब चैलेंज का हुआ आयोजन
ग्लोबल पीस फाउंडेशन के साथ मिलकर आयोजित हुआ कार्यक्रम
सात राज्यों से शिक्षण संस्थानों से आए छात्रों ने 12 प्रोजेक्ट्स पेश किए गए
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि रहे जीपीएफ के संस्थापक व चेयरमैन डॉ. यून जिन प्रेस्टन मून जिन्होनें छात्रों को संबोधित करते हुए बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि किसी भी काम के लिए लक्ष्य निर्धारित करना और उसे पाने को कड़ी मेहनत करना जरूरी है तभी आप दुनिया में बदलाव ला सकते हैं। जीपीएफ भारत के अध्यक्ष डॉ. मार्कंडेय राय ने संबोधन में कहा कि युवाओं के पास दुनिया में व्याप्त समस्याओं को दूर करने के बेहतरीन विचार मौजूद हैं। जरूरत है तो उनपर काम करने की। डॉ. संजय श्रीवास्तव ने कहा कि संस्थान के संस्थापक डॉ. ओपी भल्ला की सोच थी कि ऊंचे विचार रखने और सामूहिक तौर पर उसे पाने को किए गए प्रयासों से ही दुनिया में बदलाव संभव है। इसलिए संस्थान हमेशा युवाओं को उनके विचार सामने लाने के लिए मंच प्रदान करता है। जीपीएफ के इंटरनेशनल वाइस प्रेजीडेंट (एजुकेशन) डॉ. टोनी डिवाइन ने भी छात्रों को प्रोत्साहित किया।
12 प्रोजेक्ट्स में से पांच का हुआ मेंटरशिप के लिए चयन
इस कार्यक्रम में तकनीक के जरिए सस्टेनेबिलिटी लाने पर स्टार्टअप पर आइडिया भी आमंत्रित किए गए थे। इसके तहत सात राज्यों से कुल 12 शिक्षण संस्थानों की टीमों ने भाग लिया था। ज्यूरी सदस्यों ने बेहतरीन आइडिया, इनोवेशन और उपयोगिता के आधार पर विजेताओं का चयन किया गया। एमआरआईआईआरएस से लंग कैंसर और एनएसयूटी दिल्ली से डायबिटीक केयर पर पेश हुए प्रोजेक्ट्स को पहला स्थान मिला। एमआरयू से ड्रिंक एंड ड्राइविंग के चैक करने की एप और एमआरआईआईआरएस से डिटेक्शन ऑफ कार्सिनोजी प्रोजेक्ट्स को दूसरा व सिंबॉयसिस नोएडा से कॉम्पेक्ट चिमनी प्रोजेक्ट को तीसरा स्थान मिला। शाम के सत्र में मुख्य अतिथि रहे बीएसजी के चेयरपर्सन विशेष गुप्ता सहित सम्मानित सदस्यों ने प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित किया।
