बल्लभगढ़: 26 अगस्त, हरियाणा सरकार ने खेत में दिन-रात पसीना बहाकर पूरे देश का पेट भरने वाले अन्नदाता किसान की मेहनत का पूरा सम्मान किया है। प्रदेश में किसान हित की कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। सरकार ने खेत से लेकर मंडी तक किसान के साथ खड़ा होने का काम किया है।
ये शब्द हरियाणा के परिवहन तथा खान एवं भू-विज्ञान मंत्री मूलचंद शर्मा ने गांव कुलेना में पूर्व सरपंच जगदीश शर्मा के घर किसानों से बातचीत करते हुए कहे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के तहत 1.80 लाख रुपये वार्षिक आय या 5 एकड़ तक भूमि वाले परिवारों को 6 हजार रुपये की वार्षिक वित्तीय सहायता दी जा रही है। हरियाणा ऐसा राज्य है जहां एमएसपी पर देश में सबसे ज्यादा फसलों की खरीद की जाती है। किसानों को प्राकृतिक आपदा से फसल सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गई है तो फसल की खरीद में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ के नाम से ई-खरीद पोर्टल शुरू किया गया है। इसी तरह, बागवानी फसलों को बाजार के उतार-चढ़ाव से बचाने के लिए ‘भावांतर भरपाई स्कीम’ लागू की गई है।
परिवहन मंत्री ने बताया कि बागवानी फसलों को प्राकृतिक आपदा के कारण होने वाले किसी भी तरह के नुकसान की भरपाई के लिए ‘मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना’ शुरू की गई है। जल संरक्षण तथा मक्का व अरहर की खेती के प्रोत्साहन के लिए ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना शुरू की गई है। किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर पशुपालकों के लिए ’पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड योजना’ शुरू की गई है।
गौरतलब है कि परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा आज गांव कुलेना में पूर्व सरपंच जगदीश शर्मा के घर चाय के कार्यक्रम पर पहुँचे थे। इस मौके पर उन्होंने गांव के बुजुर्ग पंडित लख्मीचंद से आशीर्वाद लिया। किसानों के साथ चाय पर चर्चा में छिद्दा राम, पंडित धर्मवीर, गोपाल शर्मा, नंदकिशोर, राम प्रसाद और विष्णु दत्त मौजूद रहे।
इसके उपरांत परिवहन मंत्री गांव जल्हाका में भाजपा कार्यकर्ता वेदराम शर्मा के पिता पूर्व सरपंच प्रेम शुख शर्मा के निधन पर शोक व्यक्त करने पहुँचे। उन्होंने बल्लभगढ़ की सुभाष कॉलोनी में रहने वाले टेकचंद शर्मा की माता के निधन पर भी शोक व्यक्त किया। इसके अलावा, मूलचंद शर्मा ने एक निजी अखबार के सीनियर फोटो जर्नलिस्ट संजय शर्मा के छोटे भाई के निधन पर भी उनके घर पहुंच कर शोक-संतप्त परिवार को सांत्वना दी।
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