
आर्योपदेशक सतीश सत्यम, ने अपने मधुर भजनों के माध्यम से ईश्वर की स्तुति तथा ऋषि दयानंद को याद किया।
योगाचार्य देवराज और उनकी धर्मपत्नी बबीता व समस्त सहयोगियों को फूल मालायें, अंगवस्त्र पहनाकर तथा तुलसी का पौधा देकर भव्य यज्ञ यात्रा के सफल आयोजन के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर योगाचार्य देवराज ने बताया कि विभिन्न गांवों में जाकर लोगों को अपनी संस्कृति का सम्मान करने, वेदों की शिक्षा ग्रहण करने और महर्षि दयानंद स्वामी जी के जीवन आदर्शों को अपनाने के लिए प्रेरित किया। 22 दिन की इस यात्रा में इंद्रप्रस्थ के आचार्य ऋषि पाल और गुरुकुल मंझावली के आचार्य जय कुमार व ब्रह्मचारियों तथा समस्त आर्य समाजों, ओम योग संस्थान, समस्त सरप़चों, संन्यासियों भजनोपदेशकों के विशेष सहयोग के लिए धन्यवाद किया।
महर्षि दयानंद सरस्वती के समाज सुधारक उद्देश्यों, वेद के उपदेश और यज्ञ की महत्ता को जन जन तक यात्रा के माध्यम से पहुँचाने और आगे बढ़ाने में योगाचार्य देवराज और उनके समस्त सहयोगियों के योगदान से सफल यज्ञयात्रा के लिए आचार्य ऋषि पाल, योगाीराज डाँ ओमप्रकाश और जे पी नागर ने बधाई दी।
इस कार्यक्रम में सुशील शास्त्री, रघुवीर शास्त्री, हरिश्चन्द्र शास्त्री, डॉ. धर्म प्रकाश आर्य,राजपाल चौहान,डॉ. नानक चन्द आर्य, चन्द्रभान भुटानी, गुरमेश आर्य, बालकृष्ण शास्त्री, हरि ओम शास्त्री, विमल सचदेवा, सुकृति चावला, आई जे गिरधर, विजय भूषण आर्य, अंकित आर्य, वसु मित्र सत्यार्थी, शिव कुमार टुटेजा, सत्यपाल मखीजा, कर्नल गोयल कुलभूषण सखुजा, कर्मचंद शास्त्री, सन्तोष शास्त्री, मानस शास्त्री, डॉ. गीता शास्त्री, क्षेत्रपाल आर्य, धर्मपाल यादव, डॉ. राजेश आर्य, अर्जुन देव शास्त्री, डॉ. सन्दीप योगाचार्य, श्याम लाल आर्य, संजय आर्य, आचार्य जय कुमार, ब्रह्मचारी राजसिंह आर्य, जितेन्द्र सिंगला, अखिलेश शास्त्री, बिजेन्द्र शास्त्री, महाशय चतर सिंह, रामवीर प्रभाकर, निष्ठाकर आर्य, स्वामी जगत् मुनि, चांद सिंह आर्य, गंगाराम आर्य, गुरूकुल के ब्रह्मचारी व अन्य भारी संख्या में लोग शामिल हुए