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लैप्स बीमा पॉलिसी का फुल रिटर्न दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले 2 आरोपी गिरफ्तार

गोल्डन ऑवर्स… साइबर ठगी के होने पर तुरंत, गोल्डन ऑवर में साईबर हेल्पलाइन 1930 पर साइबर ठगी की शिकायत दर्ज कराए। पुलिस कमिश्नर राकेश कुमार आर्य

खबरेंNcr रिपोर्टर पंकज अरोड़ा फरीदाबाद:19 दिसम्बर, पुलिस आयुक्त राकेश कुमार आर्य के द्वारा साइबर धोखाधड़ी कर ठगी करने वाले आरोपियो के खिलाफ कार्रवाई कर गिरफ्तारी के दिए गए निर्देश के तहत कार्रवाई करते हुए एसीपी साइबर अभिमन्यु गोयत के मार्गदर्शन में साइबर थाना सेंट्रल प्रभारी सुरेन्द्र कुमार के नेतृत्व में उप नि0 बाबूराम, सहायक उप निरीक्षक धर्मेन्द्र सिंह ,मुख्य सिपाही देवेन्द्र कुमार, सिपाही कर्मबीर, सिपाही संदीप,महिला मुख्य सिपाही अंजू ड्राइवर सिपाही राकेश ने लैप्स बीमा पॉलिसि का फुल रिटर्न दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले 2 आरोपियो को दिल्ली से गिरफ्तार किया है।

पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियो का नाम अनिमेष(30) और अभिषेक (32) है। दोनों आरोपी ज्योति नगर दिल्ली के रहने वाले है। आरोपी अभिषेक बी.कॉम तथा आरोपी अनिमेष 10वीं पास है। दोनों आरोपी इंश्योरेंश पॉलिसी बेचने का काम करते है।

आरोपी लैप्स ( जिनकी किस्ते टूट जाती हैं) हुई मामले में बीमा पॉलिसियों के मेच्योरिटी पर मिलने वाले फ़ुल रिटर्न/ बेनिफिट्स दिलाने के नाम पर अलग-अलग तरह की प्रोसेस फीस जैसे GST, IT CHARGE, NSDL CHARGE, DD CLEARANCE/CHARGE, SECURITY DEPOSITE , STAMP DUTY FILE , RBI CHARGE ,IDEMNITY BOND, HNI टैक्स के नाम पर, देश के अलग–अलग राज्यों से लोगों से ठगी की जाती है।

वारदात को कैसे दिया अंजाम-

आरोपियो द्वारा जीवन बीमा पॉलिसी धारक सत्यपाल निवासी फरीदाबाद को फोन द्वारा जीवन बीमा लोकपाल हैदराबाद का अधिकारी बनकर सम्पर्क किया गया। आरोपी ने सत्यपाल को उसकी जीवन बीमा पॉलिसियों से संम्बन्धित शिकायत प्राप्त होने के बारे में बताया कि आपने जो भी जीवन बीमा पॉलिसियों करा रखी है जिनकी कोरोना काल के दौरान किस्त जमा नही कराई है। हम आपको लैप्स बीमा पॉलिसि का फुल रिटर्न मेच्योरिटी के समय से पहले रुपये वापिस दिलवायेंगें। जिसके लिये सत्यपाल को FDR खाता खुलवाना पडेगा। जिसके लिए आपको कुछ रुपये जमा कराने होगें। इसके बाद सत्यपाल से पॉलिसी धारक के रुपये जमा कराने के बाद पॉलिसी धारक को टैक्स मैसेज व व्हटसैप के माध्यम से GST ,IT CHARGE , NSDL CHARGE , DD CLEARANCE/CHARGE , SECURITY DEPOSITE , STAMP DUTY FILE , RBI CHARGE ,IDEMNITY BOND, HNI टैक्स का झाँसा देकर मेच्योरिटी रूपये ब्याज व अन्य फण्ड सहित वापिस दिलाने के नाम पर सत्यपाल से धोखाधडी से करीब 2,48,68,632/- रुपये की ठगी को अन्जाम दिया है। जिसकी शिकायत थाना साइबर सैन्ट्रल में 26 सितम्बर को प्राप्त हुई। जिसपर मुकदमा दर्ज कर 2 आरोपियो को दिल्ली से गिरफ्तार कर पुलिस रिमांड के दौरान वारदात में प्रयोग 23 मोबाइल आरोपियो से 96 लाख रुपये नगद बरामद किए गए है।

आरोपियो के द्वारा माननीय अदालत से कंडीशनल बेल ली गई। कंडीशनल बेल दौरान आरोपियो के विभिन्न खातों से 85 लाख बरामद किए गए है। पूछताछ के बाद आरोपियो को जेल भेजा गया।

किस के नाम पर करते है साइबर ठगी-

आरोपी पीडितो को लैप्स बीमा पॉलिसि का फुल रिटर्न दिलाने के नाम पर,कुछ मिनट में ही लोन देने के लिए, घर बैठे लोन उपलब्ध करवाने का लालच देती हैं और फर्जी ऐप डाउनलोड करता दे, क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढवाने के नाम पर, घर बैठे कमाने का लालच, फ्री गिफ्ट, लॉटरी लगना के नाम पर,वाउचर जीतने के नाम पर,KYC के नाम पर, बैंक कर्मी बनकर, विदेश भेजने के नाम पर,जाब दिलाने के नाम पर,अश्र्लील वीडियो कॉल रिकॉर्ड से ब्लैकमेल कर,एईपीएस इत्यादी।

आरोपी 1

साइबर ठगी से बचाव-

अगर किसी के पास कोई अज्ञात नम्बर से कॉल आती है तो उसको अपनी जैसे बैंक खाते,पैन, आधारकार्ड, की गोपनीय जानकारी ना दे।

• अगर किसी भी विभाग से कॉल आए तो पीडित को तुरंत सरकारी नम्बर से सम्पर्क कर जानकारी लेनी चाहिए।
• किसी भी विदेशी नम्बर से कॉल आए तो नजरअंदाज करे। व्हाट्सएप पर अनजान नम्बर से विडियो कॉल/कॉल आने पर नजरअंदाज करें।
• किसी की बहकावे में ना आए क्योकि यूट्यूब चैनल को लाइक और सब्सक्राइब करने पर पैसे नही मिलते।
• इस तरह के मेसेज भेजने वालो के नम्बर को ब्लैक लिस्ट में डाले। और 1930 पर उनकी रिपोर्टिंग करें।
• अगर आप से कोई आपकी डिटेल मांगे तो समझ लेना कि यह ठग का ही जाल है और आप शिकार है।

अगर साईबर ठगी का शिकार हो गए है तो गोल्डन ऑवरस मे करे शिकायत

आरोपी 2

क्या है गोल्डन ऑवर… साइबर ठगी के होने पर तुरंत, गोल्डन ऑवरस में साईबर हेल्पलाइन 1930 पर साइबर ठगी की शिकायत दर्ज कराए। गोल्डन ऑवर में शिकायत करने पर साइबर ठगी के मामले में आपका पैसा अपराधियों के खाते में जाने से बचाया जा सकता है। इससे साइबर अपराधियों के बैंक खातों को फ्रीज कर दिया जाता है ताकि अपराधियों के बैंक खाते से आगे अन्य कई बैंक खाते में पैसे ना भेज सके।

पुलिस प्रवक्ता।

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