खबरेंNcr रिपोर्टर पंकज अरोड़ा फरीदाबाद: 04 दिसंबर, साहित्यिकएवं सांस्कृतिक केंद्र (एफ एल सी सी) के तत्वाधान में जश्न-ए-फरीदाबाद-3 में आयोजित कार्यक्रम के दूसरे दिन का शुभारंभ अंतर विद्यालय काव्य प्रतियोगिता से प्रारंभ हुआ जिसमें विभिन्न विद्यालय के छात्र छात्राओं ने स्व रचित कविता पाठ किया। तत्पश्चात पुरुस्कार वितरण समारोह में तृतीय जीवा अंतर विद्यालय चित्रकला प्रतियोगिता और काव्य पाठ विजेताओं को बड़खल क्षेत्र विधायक सीमा त्रिखा द्वारा एक स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र देकर पुरुस्कृत किया गया।
काव्य पाठ में अनिकेत ने प्रथम, चिराग सहरावत ने द्वितीय और अराध्या ने तृतीय पुरूस्कार प्राप्त किया।
चित्रकला प्रतियोगिता में 6-9 वर्ष के आयु वर्ग में परमार्थ ने प्रथम, दृष्टि ने द्वितीय और कनिका ने तृतीय पुरूस्कार प्राप्त किये।
10-12 वर्ष के आयु वर्ग में राजन ने प्रथम, शीतल झा ने द्वितीय और यादवी ने तृतीय पुरूस्कार प्राप्त किये।
13-15 वर्ष के आयु वर्ग में अकक्षिता ने प्रथम, नेहा ने द्वितीय और प्रप्ति ने तृतीय पुरूस्कार प्राप्त किये।
‘मी टू’ शीर्षक के अंतर्गत महिला सशक्तिकरण पर महिला विषयों, विशेषकर उनकी विभिन्न भावनाओं को कविताओं, ग़ज़लों, दोहों और चौपाइयों के माध्यम से प्रस्तुत करती हैं। विधायक सीमा त्रिखा ने एक मॉडरेटर के रूप में उर्वि द्वारा रचित खण्डकाव्य ‘व्यथा कहे पंचाली’ व दोहा संग्रह ‘मैं शबरी हूँ राम की’ और ‘मी टू’ पर और महिला सशक्तिकरण पर प्रसांगिक प्रश्नों से चर्चा की जिस पर उर्वि ने अपने दोहों कविता के माध्यम से अपने विचार साझा किये और जमकर दाद बटोरी।
सुप्रसिद्ध नाटककार विजय तेन्दुलकर द्वारा रचित और विश्वास चौहान द्वारा निर्देशित रंगशिल्प और भाषाओं रोचकता से भरपूर हिंदी नाटक ‘विट्ठला’ द्वारा सामाजिक विसंगतियों, धर्माडंबरों और चली आ रही पुरानी कुरीतियों पर सटीक रूपक के माध्यम से तीखा प्रहार किया।
‘कारवाँ गुजर गया’ शीर्षक से पारस्परिक विचार-विमर्श कार्यक्रम में मॉडरेटर डा. शुभ तनेजा प्रभात ने दिवंगत कवि गोपाल दास नीरज के पुत्र शशांक प्रभाकर से नीरज के साहित्यिक योगदान पर चर्चा की। शशांक प्रभाकर ने नीरज के जीवन के हर पहलू पर विस्तार पूर्वक चर्चा की। कार्यक्रम कि अध्यक्षता शिक्षक, लेखक और स्तंभकार विवेक शुक्ला ने की।
दो दिवसीय कार्यक्रम का समापन भव्य मुशायरा एवं कवि सम्मेलन से हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता टी एम लालानी ने और संचालन दिनेश रघुवंशी ने किया तथा राष्ट्रीय व अंर्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि व शायरों अंजू जैन, अबरार कासिफ, ताहिर फराज़, मदन मोहन दानिश, शशांक प्रभाकर, सर्वश अस्थाना तथा स्वयं श्रीवास्तव ने अपनी सर्वश्रेष्ठ रचनाओं शको सुनाया तो दर्शक कविताओं व शेरों की गहराइयों में डूब गए।
इतने खूबसूरत माहौल में इंद्रदेव ने बादलों को शरीक होने के लिए भेजकर वर्षा की बौछार से कार्यक्रम के समापन का संदेशा भेजा और फरीदाबाद साहित्यिक एवं सांस्कृतिक केंद्र के प्रधान विनोद मलिक, महासचिव एम एल नंदवानी, सांस्कृतिक सचिव वसु मित्र सत्यार्थी, कोषाध्यक्ष जगदीप सिंह मैनी, कार्यकारी सदस्य अश्विनी कुमार सेठी, संस्थापक सदस्यों, मोहिंदर सेठी, राकेश कुकरेजा, सरबजीत सिंह, बृज मोहन शर्मा, जितेंद्र मान, डा. शुभ तनेजा ने कवियों और शायरों को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।
प्रधान विनोद मलिक ने सब कवियों और शायरों को उनकी यादगार प्रस्तुति के लिए धन्यवाद दिया और उपस्थित महमानों को उनकी गरिमामय उपस्थिति से कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आभार प्रकट किया।