फरीदाबाद: 27 अप्रैल, ऐसा मां एक बेटी जिनकी मदद करने के लिए कोई नहीं आ रहा था बेटी के पिता का पार्थिव शरीर हॉस्पिटल के शव घर में रखा हुआ था उनका साथ देने वाला कोई नहीं था आप सोच सकते हैं ऐसी हृदय विदारक स्थिति में एक मां और बेटी की ऊपर क्या बीत रही होगी जब उनके अपनो में से कोई भी मदद करने के लिए तैयार नहीं हुआ ऐसी स्थिति उनको कही से मिशन जागृति का नम्बर मिला रात को 11 बजे संस्थापक प्रवेश मलिक के पास फोन आया । सुबह ही मिशन जागृति के चार साथी उनकी मदद करने हॉस्पिटल पहुंच गए ।
मिशन जागृति के साथियों विकास कश्यप , दिनेश राघव और अशोक भटेजा ने मिलकर विधि विधान से उनका अंतिम संस्कार किया । इस पूरे प्रकरण में संस्था के संस्थापक सदस्य और संरक्षक कविंद्र चौधरी ने बहुत मदद करी उन्होंने कहा कि परमात्मा पूरी मिशन जागृति टीम को स्वस्थ और सुरक्षित रखे । विकास कश्यप और दिनेश राघव ने बताया कि वहां पहुंच कर ही सच्चाई का पता चला कि लोगों को ऑक्सीजन की कितनी ज्यादा सच जरूरत है। ऐसी स्थिति में हरि व्यक्ति को एक दूसरे की मदद करनी चाहिए। अशोक भटेजा ने बताया कि वहां पर सव घर में जो वहां पर काम कर रहे हैं उनके पास किट नहीं है उनकी पास हाथों में दस्ताने नहीं है उनकी पास मास्क भी नहीं है तो स्थिति बहुत ही गंभीर है सरकार को और प्रशासन को इसकी ऊपर जरूर से भी जरुर ध्यान देना चाहिए।
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जिला महासचिव विकास कश्यप ने बताया कि मिशन जागृति के संस्थापक प्रवेश मलिक के दिशा निर्देश पर पिछली बार भी लॉकडाउन स्थिति में टीम ने बहुत सेवा करी थी और इस बार भी मिशन जागृति की पूरी टीम सभी वालंटियर हमारी महिला टीम हर वक्त लोगों की सेवा करने के लिए तत्पर है।