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असत्य पर सत्य की जीत और अधर्म पर धर्म की जीत के साथ हुआ रावण का अंत

खबरेंNcr रिपोर्टर पंकज अरोड़ा फरीदाबाद: 4अक्टूबर 
सेक्टर-14 में डीएवी पब्लिक स्कूल के सभागार मैं हो रही
श्री श्रद्धा रामलीला के मंचन पर सभागार दर्शकों से खचाखच भरा हुआ था। और रामलीला के मंचन में
लक्ष्मण मेघनाथ युद्ध तथा लक्ष्मण का मूर्छित होना, कुम्ब्करण को नींद से जगाना, राम कुम्ब्करण युद्ध जैसे दृश्य देखकर दर्शक मंत्रमुग्ध हो उठे
उसके बाद रावण का मेघनाथ को युद्ध के लिए भेजना, लक्ष्मण मेघनाथ युद्ध तथा मेघनाथ का मरना और राम रावण युद्ध तथा रावण का मरना नई तकनीकों से दर्शाएं गए।

श्री श्रद्धा रामलीला के सभी कलाकार अपना-अपना किरदार ईमानदारी और बखूबी से निभाते आ रहे है इनमें
राम की कुणाल चावला और सीता की योगंधा वशिष्ट ने अपने किरदार निभाने में कोई कमी नहीं रखी। साहिब खरबंदा लक्ष्मण की भूमिका में नजर आए व
सुग्रीव की भूमिका सूरज भटिया, हनुमान की कैलाश चावला ने निभाया और अंगद की कशिश चावला ने
रावण की श्रवण चावला जिसके संवाद में एक अलग ही गर्जना थी।  मंदोदरी की मिश्रा भटिया,  विभिक्षण की राज कुमार ढींगरा ने निभाई है तो वंही मेघनाथ की अमन शर्मा जिनके अभिनय और अपने संवाद से सभी का मन मोह लिया। 
कुम्ब्करण की प्रमोद मग्गू, माल्यवान की मंगल सेन अरोरा, शुषेण वैध की परविंदर राजपल, रावण के मंत्री की रोहताश सैनी और विरुपाक्ष का किरदार नमन शर्मा ने निभाया है। सभी कलाकारों की वेशभूषा, मेकअप, संवादों में इतनी ईमानदारी थी जिससे दर्शकों के बीच समां बांधे रखा।

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