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दिल्ली के स्कूलों में “सेफ एंड ब्रेव ऑनलाइन” पहल की शुरुआत

खबरेंNcr रिपोर्टर पंकज अरोड़ा फरीदाबाद, 21 सितंबर, 2023– NIRF 2023 रैंकिंग में भारत के शीर्ष 10 विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल अमृता विश्व विद्यापीठम ने माता अमृतानंदमयी मठ की युवा शाखा, आयुध के साथ मिलकर पूरी दिल्ली के स्कूलों के लिए “सेफ एंड ब्रेव ऑनलाइन” पहल की शुरुआत की है। श्री हिमांशु गुप्ता (आईएएस), शिक्षा निदेशक, जीएनसीटीडी, ने ऑनलाइन माध्यम से आधिकारिक तौर पर इस पहल का शुभारंभ किया। यह कार्यक्रम बिल्कुल नया व अनोखा है, जिसे छात्रों को ऑनलाइन दुनिया को सुरक्षित तरीके से और जिम्मेदारी के साथ कदम बढ़ाने के लिए जरूरी ज्ञान एवं कौशल के साथ सशक्त बनाने के लिए तैयार किया गया है।

इस कार्यक्रम को विशेष रूप से 8वीं से 11वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए तैयार किया गया है, जिसमें छात्रों को ऑनलाइन सुरक्षा के बुनियादी सिद्धांत सिखाने के लिए बेहद मनोरंजक वीडियो और परस्पर बातचीत पर आधारित गतिविधियों का एक साथ उपयोग किया गया है। इस पाठ्यक्रम में साइबर जगत से जुड़े विभिन्न मुद्दों को शामिल किया गया है, जिसमें मुख्य रूप से तीन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है। इन तीन मुख्य क्षेत्रों में अनजान लोगों से होने वाले खतरे से निपटने के लिए छात्रों को ऑनलाइन अजनबियों की मौजूदगी की पहचान करने और उस पर प्रतिक्रिया देने के लिए जरूरी टूल्स से लैस करना; इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग के लिए, निजी गोपनीयता की सुरक्षा के संबंध में सही राह दिखाना, असली तथा नकली साइटों की पहचान करना और शेयर की जाने वाली खबरों की असलियत का पता लगाना; डिजिटल लाइफस्टाइल को बेहतर बनाने के लिए, डिजिटल साधनों के सेहतमंद तरीके से उपयोग को प्रोत्साहित करना तथा स्क्रीन पर समय बिताने के शारीरिक एवं मानसिक प्रभावों की समझ को बढ़ावा देना, शामिल हैं।

डॉ. कृष्णाश्री अच्युतन, निदेशक, साइबर सिक्योरिटी, अमृता विश्व विद्यापीठम, अमृतपुरी, ने इस कार्यक्रम के बारे में बात करते कहा, “साइबरबुलिंग और साइबर अपराध करने वाले लोग बच्चों को बड़ी आसानी से अपना निशाना बना सकते हैं, साथ ही बच्चों के अनुचित डिजिटल सामग्रियों के संपर्क में आने की संभावना भी अधिक होती है। लिहाजा बच्चों को अपनी निजी जानकारी की हिफाज़त के लिए ज्ञान और कौशल से लैस करना बेहद जरूरी हो गया है। हमारा उद्देश्य, इस कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों को डिजिटल दुनिया के बारे में पूरी जानकारी के साथ उन्हें सशक्त बनाना, डिजिटल माध्यमों के बारे में उनकी समझ बढ़ाना, तथा ऐसे प्लेटफार्म पर दूसरों के लिए सम्मान को बढ़ावा देना है।”

इस अवसर पर हिमांशु गुप्ता (आईएएस), शिक्षा निदेशक, शिक्षा विभाग, एनसीटी दिल्ली सरकार, ने कहा, “मौजूदा समय की मांग है कि हम डिजिटल टेक्नोलॉजी का जिम्मेदारी के साथ उपयोग करने के बारे में छात्रों के बीच जागरूकता बढ़ाएँ, साथ ही देश में चल रही डिजिटल क्रांति के कारण आने वाली चुनौतियों को भी समझें। बच्चों को अलग-अलग तरह के ऑनलाइन खतरों के बारे में शिक्षित करना भी बेहद महत्वपूर्ण है, जिनमें साइबर फ़िशिंग, बुलीइंग, हैकिंग, फ़र्जी लिंक, अफवाहें और डिजिटल लत की बढ़ती समस्या शामिल है। इसके अलावा, उन्हें इन चुनौतियों का कारगर तरीके से सामना करने के सही तरीके सिखाना भी बेहद जरूरी है। बच्चों के जीवन में टेक्नोलॉजी और शारीरिक गतिविधियों के बीच संतुलन बनाना आवश्यक है। यह कार्यक्रम छात्रों को टेक्नोलॉजी के बुरे प्रभावों के बारे में जागरूक करने के साथ-साथ डिजिटल उपकरणों का संतुलित तरीके से इस्तेमाल करने की सोच को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।”

इस मौके पर आयुध इंडिया के राष्ट्रीय समन्वयक, मोक्षमृत चैतन्य ने कहा, “इस पहल में छात्रों के बीच डिजिटल अनुशासन को प्रोत्साहन देने और ऑनलाइन सुरक्षा को बढ़ाने की असीमित संभावनाएं हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान ऑनलाइन कनेक्टिविटी की अहमियत स्पष्ट रूप से उजागर हुई। भरोसेमंद इंटरनेट सुविधाओं की उपलब्धता के बगैर तो छात्र घर से अपनी पढ़ाई जारी नहीं रख पाते। हालाँकि, हमारे लिए इस बात को स्वीकार करना बेहद जरूरी है कि इंटरनेट के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलू हैं, और हमें सक्रिय रूप से नकारात्मक पहलुओं पर ध्यान देना चाहिए ताकि हम अपने बच्चों को नुकसान से बचा सकें। हम श्री हिमांशु गुप्ता के अत्यंत आभारी हैं, जिन्होंने लगातार अपना विश्वास हम पर बनाए रखा और इस अभियान के शुभारंभ को संभव बनाने में हमारी सहायता की।”

इस कार्यक्रम में आकर्षक वीडियो के माध्यम से जानकारी प्रदान करने के अलावा वाद-विवाद और वर्कशीट पर आधारित गतिविधियाँ भी शामिल हैं, जो ऑनलाइन कंटेंट के बारे में गहराई से सोचने और उनका खुद से मूल्यांकन करने को प्रोत्साहित करती हैं। पिछले महीने जयपुर में सहोदय ग्रुप ऑफ सीबीएसई स्कूल्स में प्रायोगिक तौर पर “सेफ एंड ब्रेव ऑनलाइन” पहल को लॉन्च किया गया था, जिसे शानदार सफलता मिली है। इस प्रकार की सकारात्मक प्रतिक्रिया, आज के तेजी से विकसित हो रहे डिजिटल माहौल में बड़े पैमाने पर ऑनलाइन सुरक्षा से संबंधित शिक्षा की तात्कालिक जरूरत को उजागर करती है।

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