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3सी ब्लॉक में आवारा कुत्तों का आतंक: 15 दिनों में तीन लोगों को काटा

खबरेंNcr रिपोर्टर पंकज अरोड़ा फ़रीदाबाद: 05 दिसंबर, तीन सी ब्लॉकवासी आवारा कुत्तों के आतंक से काफी परेशान है, इस गंभीर समस्या को बार बार उजागर कर उचित कार्यवाही और रोकथाम ओर ब्लॉकवासियों की सुरक्षा की माँग लगातार कर रहे हैं। ब्लॉक में कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है, इसके साथ ही इनके व्यवहार में भी बदलाव आ रहा है।

चिंतित ब्लॉकवासियों का कहना है कि बच्चों को अकेले बाहर भेजने में डर लगता है। कुत्ते सड़क पर बैठे रहते हैं, अचानक से हमला कर देते हैं। कई बार शिकायत की जा चुकी है लेकिन कोई पकड़ने नहीं आता है।

ब्लॉक में आवारा कुत्तों का आतंक इस कदर बढ़ गया कि आवारा कुत्तो ने पिछले 15 दिनों में 3 लोगों को अपना शिकार बनाया है।

कुत्तो के आतंक के कारण लोगों में भय का माहौल बना हुआ है। आवारा कुत्तों के झुंड सड़कों पर घूमते नजर आते हैं जो कि ब्लॉकवासियों के लिए आफत साबित हो रहे हैं।

कभी कुत्ते बच्चों को अपना निशाना बनाते हैं, तो कभी वह वाहन से आने जाने वालों पर हमला कर देते हैं। कई स्थानों पर अक्सर आवारा कुत्तों के झुंडों को बैठे देखा जा सकता है और अक्सर आने-जाने वाले लोगों पर झपट पड़ते हैं कई बार ये आवारा कुत्ते एक दूसरे कुत्ते से लड़ते-लड़ते बीच सड़क में भी आ जाते हैं। जिससे दोपहिया वाहन चालकों का इनमें उलझकर गिरने का खतरा बना रहता है। कई बार ये लोगों की बाइक या कार के पीछे भागते हैं जिसके कारण असंतुलित हो कर दुर्घटना होने का अंदेशा बना रहता है।

उपलब्ध जानकारी के अनुसार जिला नागरिक बादशाह खान अस्पताल में कुत्तों के काटे जाने से इलाज करवाने के लिए आने वालों में 45 प्रतिशत बच्चे, 35 प्रतिशत युवा तथा 20 प्रतिशत वरिष्ठ नागरिक होते हैं। इंजेक्शन लगवाने के लिए आने वाले लोगों में से ज्यादातर बच्चे होते हैं। जैसा कि विदित है कि कुत्ते की लार में मौजूद रेबीज वायरस से हाइड्रोफोबिया हो सकता है। यह एक लाइलाज बीमारी है और इसकी वजह से मरीज की मौत तक हो सकती है।

आमतौर पर कुत्ता काटने के बाद एंटी रेबीज वैक्सीन का कोर्स पूरे 6 इंजेक्शन का होता है। अगर पहला इंजेक्शन लगवाने में 72 घंटे से ज्यादा हुए तो ये इंजेक्शन बेअसर हो जाते हैं और रेबीज वायरस पर इनका कोई असर नहीं होता। -पहला टीका कुत्ता काटने वाले दिन लगाना चाहिए। और छठा 3 महीने पर लगता है। सरकारी अस्पताल में ये इंजेक्शन निशुल्क है, जबकि निजी अस्पतालों में इसके लिए 350 से 500 रुपये तक फीस ली जाती है।

आरडब्लूए को प्रशासन से मिलकर आवारा कुत्तों के आतंक से ब्लॉकवासियों को भयमुक्त और सुरक्षित रखने की व्यवस्था करने के लिए निरंतर प्रयास और समाधान पर गंभीरता से विचार तथा समुचित उपाय सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।

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