*मनुष्य को सदैव शुभ कर्म करने चाहिए*
आर्य केंद्रीय सभा नगर निगम क्षेत्र फरीदाबाद के तत्वावधान में चल रहे वेद प्रचार कार्यक्रम आज गांव डींग, बल्लभगढ़ में हुआ ।
खबरेंNcr रिपोर्टर पंकज अरोड़ा फरीदाबाद: 05 सितंबर, आर्य समाज के युवा भजन उपदेशक सतीश सत्यम ने ऋषि दयानंद के उपकारों को याद किया तथा कर्म और कर्म फल के विषय में भजनों के माध्यम से विचार व्यक्त किए।
पूज्या स्वामी ज्योतिरानंद दर्शनाचार्या ने वेद के मंत्र के भाव को प्रस्तुत करते हुए बताया कि मनुष्य को जो कर्म हैं, मुख्य मनसा वाचा कर्मणा किए जाते हैं। वे 10 प्रकार के से होते हैं ।सत्य स्वाध्याय आदि शुभ कर्म होते हैं । इनके विपरीत जो असत्य, हिंसा आदि कर्म है वे ही पाप कर्म होते हैं। अतः मनुष्य को सदैव शुभ कर्म करने चाहिए ।
इसके पश्चात डॉक्टर स्वामी देवव्रत सरस्वती महाराज ने लोगों को शुभ कर्म करने के लिए प्रेरित किया और सावधान करते हुए कहा कि यदि इन कर्मों को नहीं किया जाएगा तो आने वाली संतति पथ भ्रष्ट हो जाएगी और मनुष्य पशु तुल्य हो जाएगा ।कार्यक्रम में विभिन्न समाजों के अधिकारी तथा तथा गणमान्य सज्जन महानुभव ओ उपस्थित हुए। आचार्य ऋषिपाल जी ने यज्ञ कराया। गुरुकुल इंद्रप्रस्थ के विद्यार्थियों ने वेद पाठ किया ।जिसमें ग्रामीण स्त्री पुरुषों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। होती लाल आर्य ने सभी विद्वानों और अतिथियों का स्वागत सम्मान करते हुए आभार व्यक्त किया। तत्पश्चात सभी ने ऋषि लंगर में भोजन प्रसाद ग्रहण किया ।कार्यक्रम बहुत सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।