पंकज अरोड़ा की रिपोर्ट फरीदाबाद, 04 अगस्त : चुनाव नजदीक आते ही केन्द्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर व शिक्षा रा’य मंत्री सीमा त्रिखा को याद आने लगा है सडक़ों का उद्घाटन। आज शिक्षा रा’य मंत्री सीमा त्रिखा ने सैनिक कॉलोनी में उन्होंने सडक़ का उद्घाटन किया। सितम्बर 2019 में भी उद्घाटन करके गई थी, लेकिन वो कार्य अभी तक पूरे नहीं हुए हैं। उसी कड़ी में जो अधूरे कार्य पड़े हुए हैं, उनका आज फिर से उद्घाटन करके गई हैं। इनका पहले से ही तयशुदा कार्यक्रम था कि चुनाव से पहले सडक़ें बनाओ, तो 4 साल गड्ढों में घूमते रहें और चुनाव नजदीक आने पर सडक़ें बना दो। सैनिक कॉलोनी के हालात बद से बदतर हो चुके हैं, मार्केट की हालत खराब है, पूरी मार्केट में टॉयलेट की सुविधा नहीं है, कम्युनिटी सेंटर में पानी भरा हुआ है।
बडख़ल गांव, भांखरी-पाली रोड का हालात लोगों के सामने है। पानी भी तक जाकर लोगों को मिलना शुरू हुआ है, जब हमने एफएमडीए एवं नगर निगम कार्यालय पर धरना दिया है। इसके बावजूद भी पानी पूरा नहीं आ रहा है। सडक़ों के लिए भी नगर निगम कार्यालय पर धरना दिया गया है, पानी के बूस्टर यह भर नहीं पा रहे हैं, ऊपर से लोगों पर अहसान दिखा रहे हैं। सैनिक कॉलोनी में कोई हेल्थ सेंटर नहीं है, कोई पार्क ढंग का नहीं है, खेलने की जगह नहीं है, सिक्योरिटी की कोई व्यवस्था नहीं है, सारे चौराहे टूटे पड़े हैं। चिमनी बाई चौक, आर के हॉस्पीटल चौक एवं नीलम चौक सहित सभी चौराहों को खोदकर पटक दिया गया है।
पूरे शहर में सडक़ें खुद पड़ी है, गंदगी का बुरा हाल है। अनखीर से लेकर सैनिक कॉलोनी तक पूरे मेन रोड को तोड़ दिया गया है। ऐसे में चुनाव सिर पर हैं, कहां-कहां तक यह सुधार पाएंगे। विजय प्रताप ने कहा कि पूरे 5 साल में इन्होंने लोगों की सुध नहीं ली, जब चुनाव के मात्र 2 महीने शेष बचे हैं, तो ये लोग नारियल फोडऩे का काम कर रहे हैं और क्षेत्र की जनता को बेवकूफ बनाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नगर निगम में पिछले 10 वर्षो में 20 हजार करोड़ रुपए का हिसाब इनको देना चाहिए, सुलभ शौचालयों के नाम पर आए करोड़ों रुपए ये लोग हजम कर गए, लेकिन शहर की जनता को इसका कोई लाभ नहीं मिला। आज समय आ गया है, इनसे पाई-पाई का हिसाब लेने का। क्षेत्र की जनता को बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता, जनता का पैसा कहां लगा, इनको हिसाब देना होगा। जिस प्रकार के हालात आज बडख़ल विधानसभा क्षेत्र के हैंख् इससे बुरे हालात कभी नहीं रहे।