हिंदू वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक विकास पुरस्कार से सम्मानित होंगी डॉ निकी डबास
नई दिल्लीः 26 अगस्त, हिंदू वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक विकास के कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने वाले राज्य स्तरीय राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कार्य करने वाले जन प्रतिष्ठित विभूतियों को सम्मानित करने की पहल की जा रही है l
आज भारत ही नहीं अपितु समस्त विश्व में हिंदू वेलफेयर फाउंडेशन विभिन्न क्षेत्रों में योजनाबद्ध तरीके से सामाजिक विकास कार्यों में लगे लोगों को सम्मानित कर उन्हें प्रोत्साहित कर रहे हैं साथ ही भारत की अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता वादी सभ्यता संस्कृति एवं जीवन शैली का प्रचार प्रसार कर रहे हैं l अनेकों अनेकों समाज सुधारकों ने समाज के विकास में जो योगदान दिया है उसे याद करते हुए आने वाली पीढ़ियों को प्रोत्साहित कर सकारात्मक दिशा प्रदान करने हेतु संगठन द्वारा यह फैसला लिया गया है की प्रतिवर्ष सामाजिक विकास कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने वाले लोगों को सम्मानित किया जाए तथा उन्हें संगठन की ओर से यथासंभव सहयोग कर उनके विजन तथा मिशन में कामयाब होने के लिए योगदान प्रदान किया जाएगा l
इस वर्ष यह अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार बहुमुखी प्रतिभा शाली प्रतिष्ठित समाज उत्थान के कार्यों में दिन रात कार्यरत पोषण एवं प्राकृतिक स्वास्थ्य विज्ञान संघ की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ निकी डबास को प्रदान किया जाता है l
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डॉ निकी डबास ने समाज की मूलभूत आवश्यकताओं एवं आधारभूत संरचनात्मक ढांचे के विकास हेतु अनेकों प्रयास किए हैं जिनमें उनका अधिक रुझान सड़कों को बनवाना गंदे पानी की निकासी हेतु नालियों बनवाना उनका रखरखाव बालिका शिक्षा, महिला शिक्षा एवं पारिवारिक आर्थिक आय वृद्धि एवं स्वास्थ्य क्षेत्र की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति की ओर रहता है l
इनका मानना है की एक स्वस्थ शरीर ही स्वस्थ दिमाग का घर होता है और स्वस्थ शरीर का निर्माण स्वस्थ भोजन के द्वारा ही किया जा सकता है गर्भावस्था से लेकर समस्त जीवन काल तक जिस वातावरण मे व्यक्ति रहता है जिस माहौल में उसकी परवरिश होती है और जिस प्रकार का भोजन वह खाता है उसकी बौद्धिक क्षमता और उसका शारीरिक विकास उन्हीं के आधार पर होता है l इस प्रकार जीवन शैली को उत्तम बनाए रखने के लिए आवश्यक है सही भोजन का चयन एवं सही जीवन व्यतीत करने का स्थान एवं माहौल अपनी एवं अपने परिवार के लिए जुटाना अपने समाज में सामंजस्य स्थापित करना अपने राज्य एवं देश के प्रति सेवा भाव रखना एवं इतिहास में जिन्होंने समाज विकास के प्रति सहृदय योगदान दिया है उनका सम्मान करना एक शिक्षित एवं सभ्य देश के नागरिक का उत्तरदायित्व बनता है l
डॉ डबास ने यह भी बताया कि सामाजिक विकास एक बहुआयामी दृष्टिकोण पर आधारित होता है किसी एक दिशा में काम करने से इसे संपूर्ण रूप से प्राप्त नहीं किया जा सकता अतः समाज की शिक्षा स्वास्थ्य चिकित्सा एवं मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ-साथ लगातार रखरखाव भी उतना ही आवश्यक है जितना कि साधनों को जुटाना l
एवं मानव संसाधन किसी भी समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो कि सभी प्रकार के अन्य संसाधनों का सही प्रयोग कर निजी एवं सामाजिक जीवन को श्रेष्ठता की ओर ले जा सकता है l