नई दिल्ली: 26 अगस्त, आज के संदर्भ में हिंदू मात्र शब्द नहीं है और ना ही सिर्फ धर्म है समय के लंबे अंतराल या दूसरे शब्दों में कहा जाए तो सदियों सदियों के बीच जाने के बाद जो एक शब्द भारतीय समाज के लिए और यहां की संस्कृति सभ्यता तथा जीवन शैली को चिन्हित करने वाली प्रणाली को जिसमें धार्मिक विचारधारा भी है जिसमें सामाजिक जीवन भी है जिसमें पारिवारिक मूल्य भी हैं और जिसकी राजनैतिक शासन प्रणाली भी है उन सबको एक दिशा एक पहचान देने वाला शब्द आज हिंदू है जो भारत की समस्त संस्कृति एवं प्राचीन काल से लेकर वर्तमान तक की सभ्यता तथा समसामयिक जीवन शैली को परिभाषित करता है l
हिंदुत्व एक ऐसी विचारधारा है जो समाज को उचित मर्यादाओं, नैतिक मूल्यों एवं सुदृढ़ सामाजिक परंपराओं को सहेजता है l
हिंदुत्व सर्वधर्म समभाव की भावना से पोषित होता है l
मात्र एक हिंदुत्व ऐसा शब्द है जो भारतीय सामाजिक संस्कृति को इतनी विस्तृत मानसिकता के साथ लगातार विकासशील रखे हुए हैं जिसके साथ साथ अन्य संप्रदायों एवं विचारधाराओं के लोग भी अपना सामाजिक आर्थिक राजनीतिक एवं पारिवारिक विकास सहजता से कर सकते हैं और यही इसकी विस्तृत विशेषता भी है l
ठीक इसके विपरीत अन्य किसी विचारधारा को मानने वाले या किसी भी संप्रदाय से संबंध रखने वाले किसी भी सभ्यता को अनुसरण करने वाले या किसी भी देश में रहने वाले लोग इतनी विस्तृत विचारधारा अन्य धर्मो संप्रदायों या मान्यताओं का अनुसरण करने वाले समाज और समुदायों के लिए नहीं रखते l
इसीलिए हिंदू विश्व की सर्वश्रेष्ठ जीवन प्रणाली है l
मुझे गर्व है मैं हिंदू हूं मुझे गर्व है मैं भारत भूमि पर जन्मी हूं मुझे गर्व है अपनी सभी जातियों पर वर्गों पर वर्णो पर अपने समाज पर अपने देश पर l
पर जिस प्रकार अनाज में घुन लग जाता है और जीवित रहने के लिए अनाज को साफ करके भोजन हेतु इस्तेमाल किया जाता है उसी प्रकार यदि समाज में घुन समान विकृत विचारधारा उत्पन्न हो जाए तो उसका सही इलाज किया जाता है ना कि समाज और देश को नष्ट किया जाता है l
निसंदेह किसी भी समाज में बाहर से दाखिल होने वाले घुसपैठिए उस समाज को तोड़कर अपने लिए जगह बनाने की कोशिश करते हैं सामाजिक स्तर पर या पारिवारिक स्तर पर फूट डालकर शासन करना सबसे सरल तरीका है उस समाज में जगह बनाने का और इसका हल हमारे समाज के लिए यही है की सभी जाति वर्ग और विचारधाराएं भूलकर मात्र हिंदू बनकर अपने हिंदुस्तान की रक्षा करें स्वयं की रक्षा करें l
गीता में स्पष्ट कहा गया है जो धर्म की रक्षा करते हैं धर्म स्वयं उनकी रक्षा करता है आज प्रत्येक व्यक्ति अपने धर्म की आड़ लेकर हिंदुत्व को चोट पहुंचा रहा है लेकिन हिंदू को अब जागना होगा संभलना होगा हमें ऐतराज नहीं दूसरों से पर हमारी आस्था पर हमारी संस्कृति सभ्यता पर चोट करे कोई यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा l
निकी डबास
अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक विकास विभाग अध्यक्ष
हिंदू वेलफेयर फाउंडेशन
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