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राष्ट्रीय पोषण सम्मान 2021 का आयोजन, खाद्य एवं पोषण विशेषज्ञों को किया जाएगा सम्मानित

नई दिल्लीः 01 सितंबर, पोषण एवं प्राकृतिक स्वास्थ्य विज्ञान संघ द्वारा 1 सितंबर से 30 सितंबर तक राष्ट्रीय पोषण माह को एक जागरूकता अभियान के तौर पर प्रचारित प्रसारित करने हेतु सभी सदस्यों द्वारा विभिन्न समाजों में पोषण शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं l संघ की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ निकी डबास एवं संघ की महासचिव प्रोफेसर करुणा चांदना एवं कार्यकारिणी के प्रमुख सदस्य श्रीमती विजयलक्ष्मी कृष्णमूर्ति एवं श्रीमती सपना आचार्य तथा राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉक्टर सत्यम भास्कर द्वारा पोषण माह के प्रचार प्रसार में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने वाले सदस्यों को 30 सितंबर 2021 को राष्ट्रीय पोषण सम्मान से सम्मानित किया जाएगा l
पोषण एवं प्राकृतिक स्वास्थ्य विज्ञान संघ पिछले 8 सालों से समाज में खाद्य एवं पोषण विज्ञान तथा स्वास्थ्य संबंध में जागरूकता का प्रचार प्रसार कर रहा है देशभर से हजारों खाद्य एवं पोषण विशेषज्ञ करोड़ों लोगों को सही पोषण एवं स्वास्थ्य जीवन के प्रति जागरूक कर रहे हैं l देश के प्रत्येक राज्य से संघ के अनेक प्रतिनिधि अपने अपने क्षेत्र में खाद्य प्राकृतिक चिकित्सा एवं जीवन शैली सुधार पद्धति को आधार बनाकर देश के नागरिकों को रोग मुक्त रखने के लिए चिकित्सा व्यय को कम कर रहे हैं साथ ही लोगों को अनेकों बीमारियों से बचे रहने के लिए जागरूक कर रहे हैं l
तमिलनाडु से करुण्य मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ रवि जस्टिन राज का कहना है प्राकृतिक चिकित्सा पूर्णता भोजन एवं हमारी दिनचर्या पर आधारित है यदि मनुष्य को स्वस्थ जीवन जीना है दूसरे शब्दों में कहा जाए एक रोग मुक्त स्फूर्ति दायक जीवन तो हमें सर्वप्रथम अपने आहार विचार को सुधारना होगा अपनी जीवन शैली में कुछ आधारभूत बदलाव लाकर हम पूरा दिन तंदुरुस्त महसूस कर सकते हैं साथ ही छोटी-मोटी बीमारियों से बच सकते हैं एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ा सकते हैं l
कर्नाटक से डिस्ट्रिक्ट ऑफिसर एवं पोषण एवं प्राकृतिक स्वास्थ्य विज्ञान संघ के कर्नाटक अध्यक्ष डॉक्टर बृजेश बायरप्पा का कहना है महिला एवं बालिकाओं का पोषण स्तर अच्छा होने से संपूर्ण परिवार का जीवन स्तर अपने आप अच्छा होने लगता है आगामी पीढ़ी तंदुरुस्त पैदा होती है तथा घर की महिलाओं की सेहत अच्छा होने से वह बाकी परिवार के सदस्यों का भी देखभाल अच्छे से कर पाती हैं साथ ही स्वयं की भी पर वह वह पूरी ताकत के साथ निभाती हैं अतः समाज में महिला एवं बालिका पोषण पर जागरूकता का प्रचार प्रसार होना अत्यंत आवश्यक है l
कर्नाटक से खाद्य एवं पोषण विशेषज्ञ डॉ शिवकुमार सी एस का कहना है भोजन में अनेकों प्रकार की मिलावट को दरकिनार करने के लिए भोजन की गुणवत्ता पर निगरानी रखना अत्यंत आवश्यक है l
पोषण एवं प्राकृतिक स्वास्थ्य विज्ञान संघ की राष्ट्रीय अध्यक्षा का देश के लिए संदेश यह है कि देश को यदि भविष्य की वीडियो को एक तंदुरुस्त शरीर देना है तो सर्वप्रथम बालिका पोषण पर ध्यान देने की आवश्यकता है इस बात को गहराई से समझने की जरूरत इस प्रकार है कि पुरुष से मात्र एक शुक्राणु कुछ अनुवांशिक गुणों को माता के गर्भ तक पहुंचाता है लेकिन वह सिर्फ माता का ही शरीर है जो उसे शुक्राणु को 9 महीने अपने शरीर से सभी पोषक तत्व मुहैया कराकर उसे पोषित करता है एवं जन्म के बाद डेढ़ से 2 साल तक उसे अपना दूध पिला कर वृद्धि प्राप्त करने में मदद करता है अतः यदि माता का शरीर तंदुरुस्त एवं मजबूत होगा तो निसंदेह भविष्य की आने वाली पीढ़ियां भी स्वस्थ एवं तंदुरुस्त होंगी l
पोषण एवं प्राकृतिक स्वास्थ्य विज्ञान संघ उपाध्यक्ष डॉ विनती दावर ने देश को पोषण माह की अग्रिम शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अब देश को पोषण को सही करने का वक्त आ चुका है क्योंकि जनसंख्या की बढ़ती खाद्य संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एवं आर्थिक आवश्यकताएं की पूर्ति कम होने के कारण तथा प्राकृतिक एवं कृत्रिम संसाधनों की कमी के साथ-साथ बढ़ती महंगाई मिलावट को भी न्योता दे रही है अतः मिलावट से बचने के लिए और सेहत का ध्यान रखते हुए हमें खाद्य पदार्थों का चयन बुद्धिमता से करने की आवश्यकता है l

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संघ की राष्ट्रीय सचिव प्रोफेसर करुणा चांदना ने पोषण शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि यदि हम स्कूलों कॉलेजों एवं सभी शैक्षिक संस्थानों में पोषण शिक्षा को अनिवार्य कर दें तो कम से कम सभी बच्चे अपने शरीर एवं मस्तिष्क के स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक हो सकेंगे l
पश्चिम बंगाल के पोषण एवं प्राकृतिक स्वास्थ्य विज्ञान संघ के राज्य स्तरीय प्रवक्ता डॉ राहुल बनर्जी का कहना है कि पोषण एवं इलाज किसी भी बीमारी के अति शीघ्र ठीक होने में अहम भूमिका अदा करते हैं कई बार किसी बीमारी के लंबे समय तक चलने का कारण दवाई के साथ सही पोषण ना मिल पाना होता है और कई बार पोषण सही होता है लेकिन भोजन के वह प्राकृतिक रसायनिक तत्व दवाई के कृत्रिम रसायनिक तत्वों के साथ सही रासायनिक क्रिया को ना कर पाने की वजह से बीमारी जल्द ठीक नहीं हो पाती अतः किसी भी बीमारी को ठीक करने के लिए सही पोषण एवं सही इलाज का होना अत्यंत आवश्यक है निसंदेह पोषण शरीर को स्वस्थ बनाने एवं बनाए रखने में एक अहम भूमिका अदा करता है l

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